सिवनी। शासकीय महाविद्यालय कुरई में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के अंतर्गत आत्मनिर्भर मप्र के रोडमैप के सम्बंध में मप्र शासन पशुपालन एवम डेयरी विभाग वल्लभ भवन भोपाल के निर्देशानुसार महाविद्यालय में युवा संवाद आयोजित किया गया। युवा संवाद के माध्यम से पशुपालन के क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित किया गया , ताकि अधिकाधिक युवा पशुपालन से जुड़ सकें। युवा संवाद में मुख्यतः व्यवसायिक आमदनी गतिविधियों में व्यवसायिक पशुपालन की भूमिका , सहभागिता, वर्तमान में उपलब्ध संसाधन ,गतिविधियां , आमदनी का स्रोत , विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गयी। युवा संवाद व्यवहारिक रूप से बहुत सरल अभिव्यक्ति से दोतरफा किया गया। विद्यार्थियों ने पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ डॉ उपस्थित हुए। कार्यक्रम प्रभारी प्रो. पंकज गहरवार ने डॉ अमित रैकवार ब्लॉक वेटनरी ऑफिसर कुरई का गुलदस्ते से, डॉ शासकीय महाविद्यालय कुरई में आत्मनिर्भर मप्र के रोडमैप के सम्बंध में मप्र शासन पशुपालन एवम डेयरी विभाग वल्लभ भवन भोपाल के निर्देशानुसार महाविद्यालय में युवा संवाद के माध्यम से पशुपालन क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित किया जाना हैं, ताकि अदिकाधिक युवा पशुपालन से जुड़ सकें। युवा संवाद में मुख्यतः व्यवसायिक आमदनी गतिविधियों में व्यवसायिक पशुपालन की भूमिका , सहभागिता, वर्तमान में उपलब्ध संसाधन ,गतिविधियां , आमदनी का स्रोत , विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गयी। युवा संवाद व्यवहारिक रूप से बहुत सरल अभिव्यक्ति से दोतरफा किया गया। विद्यार्थियों ने पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ डॉ उपस्थित हुए। कार्यक्रम प्रभारी प्रो. पंकज गहरवार ने डॉ अमित रैकवार ब्लॉक वेटनरी ऑफिसर कुरई का गुलदस्ते से, डॉ मृणालिनी रामटेके वेटनरी असिस्टेंट सर्जन, डॉ अक्षय बनसोडे का पुष्पहार से स्वागत विद्यार्थियों से करवाया। सबसे पहले ब्लॉक वेटनरी ऑफिसर डॉ अमित रैकवार ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए बताया कि पशुपालन विभाग युवाओं के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रहा हैं। इन योजनाओं को अपनाकर युवा न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि नस्ल सुधार द्वारा दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाकर अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता हैं। भारत एक तरफ जहां खेती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं, वहीं दूसरी तरफ पशुपालन भी इसका अभिन्न अंग रहा हैं। आधुनिक काल में विभन्न पशुओं जैसे गाय, बैल, भैंस, बकरी, मुर्गी,सुअर इत्यादि पशुओं का पालन पोषण वैज्ञानिक ढंग से किया जाने लगा हैं। इसी संदर्भ में डॉ रैकवार ने विद्यार्थियों को कड़कनाथ मुर्गा के पालन के लिए प्रेरित कर कहा कि कड़कनाथ मुर्गा अपनी विशिष्ट पहचान के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। इस मुर्गे की खासियत हैं कि यह पूरी तरह से काला होता हैं , इसका माँस सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता हैं। इसकी बेहद मांग रहती हैं, यह कमाई का बेहतरीन जरिया बन सकता हैं। रामटेके वेटनरी असिस्टेंट सर्जन, डॉ अक्षय बनसोडे का पुष्पहार से स्वागत विद्यार्थियों से करवाया। सबसे पहले ब्लॉक वेटनरी ऑफिसर डॉ अमित रैकवार ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए बताया कि पशुपालन विभाग युवाओं के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रहा हैं। इन योजनाओं को अपनाकर युवा न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि नस्ल सुधार द्वारा दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाकर अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता हैं। भारत एक तरफ जहां खेती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं, वहीं दूसरी तरफ पशुपालन भी इसका अभिन्न अंग रहा हैं। आधुनिक काल में विभन्न पशुओं जैसे गाय, बैल, भैंस, बकरी, मुर्गी,सुअर इत्यादि पशुओं का पालन पोषण वैज्ञानिक ढंग से किया जाने लगा हैं। इसी संदर्भ में डॉ रैकवार ने विद्यार्थियों को कड़कनाथ मुर्गा के पालन के लिए प्रेरित कर कहा कि कड़कनाथ मुर्गा अपनी विशिष्ट पहचान के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। इस मुर्गे की खासियत हैं कि यह पूरी तरह से काला होता हैं , इसका माँस सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता हैं। इसकी बेहद मांग रहती हैं, यह कमाई का बेहतरीन जरिया बन सकता हैं। इसी दिशा में डॉ मृणालिनी रामटेके ने उन्नत पशुपालन आजीविका का बेहतर साधन विषय को लेकर समुन्नत पशु प्रजनन योजना जिसके द्वारा नस्ल सुधार करने के उद्देश्य से प्रगतिशील पशुपालक अथवा प्रशिक्षित गौ सेवक को मुर्रा भैंसा सांड प्रदाय किये जाते हैं के बारे में विस्तार से बताया। आगे उन्होंने नन्दी शाला योजना, वत्स पालन प्रोत्साहन योजना, गोपाल पुरुस्कार योजना, के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए युवाओं को पशुपालन की और प्रेरित किया। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए और सभी वर्गों के हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए तथा रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के बारे में विस्तार से बताया। वेटनरी असिस्टेंट सर्जन डॉ अक्षय बनसोडे ने पशुओं हेतु टीकाकरण तथा संतुलित पशु आहार का दुग्ध उत्पादन में महत्व पर विद्याथियों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि दुग्ध संघों द्वारा उत्पादित पशु दाना एक संतुलित आहार हैं । इसमें पशुओं के लिए सभी पोषण तत्व मौजूद होते हैं। पशु दाना के निर्माण में उत्तम गुणवत्ता के अनाज,तेल, खली, गवारमिल, भूसी, शीरा, नमक , खनिज लवण तथा विटामिनों का प्रयोग किया जाता हैं। यह मंहगा नही होता और पशु इसे चाव से खाते हैं। कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर प्रो. पंकज गहरवार ने पशुपालन विभाग से आये हुए सभी चिकित्सकों का हृदय की अंतरिम गहराई से हार्दिक आभार प्रकट किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में, महाविद्यालय स्टाफ से पवन सोनिक, डॉ कंचनबाला डावर, मेंटर तीजेश्वरी पारधी, प्रो. जयप्रकाश मेरावी का व कैरियर मित्रों जिनमें रोहित पन्द्रे, संदीप नेताम, रेहाना खान,दुर्गा गिरि, पूजा वट्टी, मुदिता कोसे, शिल्पी मसराम , शिरीन खान, अंजली रजक, सिद्धार्थ करमकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन टीपीओ प्रो. पंकज गहरवार ने किया।
केएमबी न्यूज़ सिवनी से अंजेलाल विश्वकर्मा की रिपोर्ट
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