एसडीएम की जांच में अनाधिकृत कब्जा कर कब्रिस्तान बनाए जाने को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हुई नाकाम
केएमबी खुर्शीद अहमद
अमेठी। थाना क्षेत्र जगदीशपुर के ग्रामसभा माहे मऊ के महमदपुर गांव के कुछ एक विशेष समुदाय की महिलाएं व लोग जैसे छोटे लाल यादव, राम जी गुलाब, लीलावती, उर्मिला, विद्यावती, अनीता आदि ने खलिहान, बंजर व आबादी की जमीन पर मुस्लिम समुदाय के द्वारा अनाधिकृत रूप से कब्जा कर कब्रिस्तान बनाने का आरोप लगाते हुए कल तहसील समाधान दिवस में उप जिला अधिकारी को शिकाययती पत्र देकर कार्यवाही की मांग किया था। जिसके उपरांत उप जिला अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से राजस्व की टीम को पुलिस दलबल के साथ उक्त जमीन के सीमांकन के आदेश दिए थे। कानूनगो लेखपाल व समस्त राजस्व टीम थानाध्यक्ष जगदीशपुर पुलिस दलबल के साथ 16 अक्टूबर रविवार को मौके पर सीमांकन के लिए पहुंचे जहां ग्रामप्रधान इसराक अहमद व ग्रामसभा के तमाम संभ्रांत व्यक्ति व सारे शिकायतकर्ताओ की मौजूदगी में उक्त जमीन की पैमाइश की गई। पैमाइश के बाद कानूनगो व लेखपाल समस्त राजस्व टीम ने बताया कि कब्रिस्तान गाटा संख्या 272, 273 में है। कब्रिस्तान से लगी हुई खलिहान की जमीन गाटा संख्या 271 क,ख,ग, है जो लगभग 7बीघा है जिसका कब्रिस्तान से लगा कुछ हिस्सा मात्र बचा है बाकि जमीन जिसको गांव के ही उक्त शिकायतकर्ता स्वयं ही खलिहान व घूर गड्ढा की ज्यादातर जमीन पर कब्जा किए हुए हैं। समस्त राजस्व टीम ने एक कागज पर लिखकर थानाध्यक्ष जगदीशपुर व ग्राम प्रधान इसराक अहमद और ग्राम सभा के सभी संभ्रांतो शिकायतकर्ताओ के दस्तखत करवाएं और बताया कि शिकायत कर्ताओं ने ही आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है। अग्रिम आदेश आने पर विधिक कार्यवाही व की जाएगी। वही गांव के लोगों का कहना है कि आरक्षित खलिहान की जमीन की जरूरत समस्त ग्रामवासियों को है जिसमें ग्रामसभा के सभी लोग शादी विवाह व फसलों की कटाई मड़ाई का काम करते हैं। जिसकी आधी से ज्यादा जमीन अनाधिकृत रूप से शिकायतकर्ताओ के द्वारा ही कब्जा कर ली गई है। शिकायतकर्ताओ द्वारा मकान, छप्पर व बाउंड्रीवाल बना लिए जाने से ग्रामवासी बहुत परेशान है। खलिहान की उपयुक्त आरक्षित जमीन कब्जा कर लिए जाने से कटाई मड़ाई सम्बन्धी कामों में समस्त ग्राम वासियों के लिए अवरोध उत्पन्न हो रहा है। एक तरफ जहां योगी सरकार आए दिन अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर सजग व सक्रिय है तो वही भू माफियाओं के हौसले पस्त होने का नाम ही नहीं ले रहा हैं। अब देखना यह है की योगी सरकार में ग्रामवासियों को कब न्याय मिलता है और यह आरक्षित जमीन का अतिक्रमण कब हटवाया जाता है।
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