डेंगू संक्रमण के प्रकोप को "आपदा में अवसर" बनाने से नहीं चूक रहे हैं निजी पैथोलॉजी संचालक
केएमबी रुखसार अहमद
सुल्तानपुर। डेंगू संक्रमण के कहर से जिले के साथ-साथ पूरा प्रदेश सहमा हुआ है। डेंगू के मरीज सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी भरे हुए हैं। जिले में अब तक डेंगू संक्रमण की चपेट में आकर दर्जनों लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है स्वास्थ्य विभाग की टीमे कैंप लगाकर डेंगू के मरीजों का पता लगा रही है रोज भारी संख्या में डेंगू के मरीज स्वास्थ्य विभाग की जांच में मिल रहे हैं। जहां एक तरफ पूरा प्रदेश डेंगू जैसी महामारी से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पताल में बाहरी अवैध रूप से चल रही पैथोलॉजी वालों की लॉटरी लगी हुई है। ये लोग भी आपदा को अवसर बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं जनपद में जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड की जहां डेंगू बीमारी के भय से मरीजों की कतार लगी हुई है तो वही अस्पताल में पैथोलॉजी संचालित होने के बावजूद भी बाहरी अतिरिक्त व्यक्तियों द्वारा मरीजों के खून का सैंपल धड़ल्ले से लिया जा रहा है जो निजी पैथोलॉजी में ले जाकर जांच करते हैं।
इन लोगों को अस्पताल प्रशासन का कोई डर नहीं है। सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि या तो निजी पैथोलॉजी संचालक के साथ जिला अस्पताल के जिम्मेदार भी इस गोरखधंधे में संलिप्त है अथवा निजी पैथोलॉजी संचालकों के सामने अस्पताल प्रशासन बेबस है। रविवार की सुबह इमरजेंसी वार्ड में अनाधिकृत व्यक्ति को मरीज के खून का सैंपल लेते हुए देखा गया। इस व्यक्ति के बारे में पता किया गया तो पता चला कि यह व्यक्ति जिला अस्पताल का कर्मचारी नहीं है। कुल मिलाकर डेंगू के इस महा प्रकोप में निजी पैथोलॉजी संचालकों के बल्ले बल्ले हैं।
इन लोगों को अस्पताल प्रशासन का कोई डर नहीं है। सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि या तो निजी पैथोलॉजी संचालक के साथ जिला अस्पताल के जिम्मेदार भी इस गोरखधंधे में संलिप्त है अथवा निजी पैथोलॉजी संचालकों के सामने अस्पताल प्रशासन बेबस है। रविवार की सुबह इमरजेंसी वार्ड में अनाधिकृत व्यक्ति को मरीज के खून का सैंपल लेते हुए देखा गया। इस व्यक्ति के बारे में पता किया गया तो पता चला कि यह व्यक्ति जिला अस्पताल का कर्मचारी नहीं है। कुल मिलाकर डेंगू के इस महा प्रकोप में निजी पैथोलॉजी संचालकों के बल्ले बल्ले हैं।
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