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अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर दिव्यांग बच्चो की खेलकूद व सांस्कृतिक प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर दिव्यांग बच्चो की खेलकूद व सांस्कृतिक प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

केएमबी मोहम्मद अफसर

सुलतानपुर। अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय परिसर में दिव्यांग बच्चों की खेल-कूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में परिषदीय विद्यालयों के नामांकित दिव्यांग बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में अद्वैत फाउंडेशन एवं स्पेक्ट्रम ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन आनंद सावरण एवं एच.आर. मैनेजर अनूप कुमार मिश्रा को मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था। बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने आंनद सावरण और अनूप कुमार मिश्रा को बैच लगाकर और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया और स्मृति चिह्न भी भेंट किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, समेकित शिक्षा के जिला समन्वयक उपेंद्र कुमार सिंह के साथ सुलतानपुर, धनपतगंज एवं जयसिंहपुर के खंड शिक्षा अधिकारी तथा जिले के सभी विशेष शिक्षक मौजूद रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह और बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने हरी झंडी दिखाकर खेल-कूद प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ किया। स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी एवं निपुण भारत मिशन, उ.प्र. के अंतर्गत जन-जागरण हेतु नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें बच्चों ने शिक्षा के महत्व को दर्शाया। बच्चों ने नन्हा-मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ इत्यादि गीतों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। अद्वैत फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से सभी उपस्थित बच्चों टिफिन और बॉटल वितरित की गई। अद्वैत फाउंडेशन एवं स्पेक्ट्रम ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन आनंद सावरण ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विकलांगता को स्वीकार करते हुए अपने जीवन में गुणों का विकास करना ही समेकित शिक्षा का उद्देश्य है, जिसे वर्तमान सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं विशेष शिक्षक पूरा करने में लगे हुए हैं। सभी विशेष शिक्षक जिस समर्पण से अपनी सेवाएं दे रहे, इसके लिए उन्हें साधुवाद एवं अभिनन्दन है। आनंद सावरण ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि आदिकाल में अपने आध्यात्मिक ज्ञान का लोहा मनवाने वाले अष्टावक्र, मध्यकाल के प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार सूरदास एवं कालिदास एवं आधुनिक काल में विख्यात भौतिक विज्ञानी स्टीफेन हॉकिंस हमारे सामने उदाहरण हैं। सभी ने अपनी विकलांगता को दिव्यांगता साबित किया। वर्तमान काल में कई प्रत्यक्ष उदाहरण हैं, जिनमें नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. भी हैं जिन्होंने हाल ही में पैरा ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीता। उन्होंने उपस्थित अभिभावकों एवं बच्चों से निवेदन करते हुए कहा कि शिक्षा को नौकरी से नहीं जोड़ना चाहिए बल्कि शिक्षा को अच्छा नागरिक बन अपने जीवन लक्ष्य की प्राप्ति में लगाना चाहिए। अद्वैत फॉउंडेशन ट्रस्ट को गत वर्ष ही दिव्यांगजनों के हित में सर्वोत्तम कार्य करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित भी  किया गया है।शिक्षा के क्षेत्र में भी अद्वैत फॉउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित स्पेक्ट्रम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में फार्मेसी कॉलेज, आई.टी.आई. कॉलेज एवं सीबीएसई का इंटर कॉलेज शामिल हैं।स्पेक्ट्रम कॉलेज में दिव्यांग बच्चों को उचित शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से ही इसी वर्ष डी.एड. विशेष शिक्षा का पाठ्यक्रम (मानसिक मंदता और श्रवण बाध्यता) भी प्रारम्भ किया जा रहा है जिसके लिए भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली द्वारा मान्यता भी मिल चुकी है। अद्वैत फाउंडेशन ट्रस्ट सदैव ही दिव्यांगजनों के हित में कार्य करने के लिए कृत संकल्पित है। कार्यक्रम में अद्वैत फॉउंडेशन ट्रस्ट के कई कार्यकर्ताओं के साथ विशेष शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष मनीष दूबे भी उपस्थित रहे।
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