एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में माफिया मुख्तार अंसारी एवं उनके सहयोगी को सुनाई दस साल की सजा
गाजीपुर। जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी और भीम सिंह गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामले में दोषी पाए गए हैं। गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट दोनों को दस साल की सजा सुना दी है। इसके साथ ही मुख्तार अंसारी पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले गुरुवार को ही गैंगस्टर कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगी भीम सिंह को भी दोषी करार दिया गया। सजा सुनाए जाने के दौरान भीम सिंह कोर्ट में पेश हुए, जबकि मुख्तार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। इस मामले में पिछले दिनों ही बहस पूरी हुई थी। अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत में 21 वर्ष पुराने बहुचर्चित मुहम्मदाबाद कोतवाली के उसरी चट्टी हत्याकांड में अभियोजन की तरफ से मंगलवार को गवाह इजराइल अंसारी का बयान दर्ज हुआ। आरोपियों के अधिवक्ता द्वारा जिरह भी अंकित किया गया। 20 दिसंबर को अगली तिथि नियत की गई है। साथ ही मुख्तार अंसारी का बयान कराने के लिए न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि वादी मुकदमा मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से 20 दिसंबर को न्यायालय में उपस्थित करें। आदेश की एक प्रति जिला कारागार बांदा को भेजने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि नियत तिथि पर किसी प्रकार का स्थगन स्वीकार नहीं किया जाएगा। बता दें कि 15 जुलाई 2001 को माफिया मुख्तार अंसारी अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ जा रहे थे। दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग की। हमले में मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी और वहीं रुस्तम उर्फ बाबू घायल हुआ था। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी। हमलावरों में से एक मारा गया था। मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले हमराहियों को भी चोट आई थीं। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते हुए अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवेचना के बाद पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया था, जिसमें से दो आरोपी की विचारण के दौरान मौत हो गई थी।
बता दें कि 1996 में दर्ज गैंगस्टर मामले में आज 26 साल बाद कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया। गैंगस्टर एक्ट में कुल 5 मामले थे, इसमें दो गाजीपुर, दो वाराणसी और एक चंदौली में मामला दर्ज था। इस मामले में 12 दिसंबर को 11 गवाहों की गवाही, जिरह और बहस पूरी हो चुकी थी। इसके बाद फैसला सुनाने की तारीख 15 दिसंबर तय की गई थी। 12 दिसंबर को एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने बताया था कि मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगी भीम सिंह पर साल 1996 में गैंगस्टर का एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जो काफी समय से कोर्ट में लंबित था, जिस पर पिछले महीने 25 नवंबर को फैसला आना था, लेकिन अचानक विद्वान पीठासीन अधिकारी का स्थानांतरण हो जाने से और नए पीठासीन अधिकारी के आने के बाद रोजाना स्तर पर सुनवाई की गई थी और 12 दिसंबर को बहस पूरी कर ली गई थी।
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