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अमेठी। जगदीशपुर,बाजार शुक्ल अंतर्गत ग्राम पंचायत सत्थिन में हर साल की तरह इस साल भी बड़ी शनो शौकत से मनाया गया उर्से लतीफी



अमेठी। जगदीशपुर,बाजार शुक्ल अंतर्गत ग्राम पंचायत सत्थिन में हर साल की तरह इस साल भी बड़ी शनो शौकत से मनाया गया उर्से लतीफी

केएमबी खुर्शीद अहमद 
 अमेठी। जगदीशपुर हर साल की तरह इस साल भी सत्थिन शरीफ की सर जमीन पर हजरत अब्दुल लतीफ शाह र0 का उर्से मुकद्दस बड़ी ही शानो शौकत के साथ मनाया गया।
प्रशासन की देख रेख में एसडीएम महोदय के परमिशन से 3 दिसंबर से 17 दिसंबर तक उर्स मुकद्दस का एहतमाम किया गया, वैसे तो उर्स का प्रोग्राम 3 रोज़ा होता है पहला दिन चरागा रोशनी दूसरा दिन गागर शरीफ तीसरा दिन झूब्बा का प्रोग्राम (हजरत के इस्तेमाल किए हुए सामानों की नुमाइश
ये प्रोग्राम 3.4.5 दिसंबर मेन तारीकों में मनाया गया
 जो उर्स की मेन रस्में होती है।
यू तो मेले का आगाज़ हफ्तों पहले से शुरू हो जाता है जिसमें दूर दराज से दुकानदार आना शुरू हो जाते है, और अपनी दुकानों का रख रखाव लगाना शुरू कर देते है।
पिछले साल प्रशासन ने मेला कमेटी को कुल 11दिनों के लिए परमिशन दिया था इस बार प्रशासन ने मेला कमेटी को भर पूर सहयोग दिया, जिसका फायदा दुकानदारों और मेला कमेटी ने खूब उठाया,जमकर खरीद फरोख्त किया।
 जिसमें दुकानदारों का खूब फायदा हुआ,इस साल प्रशासन ने 15दिनों के लिए परमिशन दिया हुआ था,
पुलिस प्रशासन ने मेला कमेटी को अपना भर पूर सहयोग दिया,मेले में आए हुए सभी मेहमानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसका ख्याल पुलिस प्रशासन ने अपनी तरफ से चाक चौबंद ऎहतियाती कदम उठाए।
मेले में किसी भी अनहोनी से निपटने के माकूल इंतजाम किए गए थे,उर्स में बहुत दूर दूर से लोग जियारत के लिए आते है, और मुरादें मागते है मुरादो का तो ये हाल है कि दरगाह शरीफ में जो पीनास जाली बना हुआ है लोहे कि जो छड़ें लगी है कोई भी लोहे कि राड आपको खाली नहीं मिलेगी जिसमें मानता के धागे न बंधे हो,कोई भी हिस्सा आपको खाली नहीं मिलेगा,
लोगों का मानना है कि जिस जगह आपका आस्ताना है ये जगह कभी जंगल हुआ करता था,आपके आने से ये जगह आबाद हुई लोग बसने लगे आपने बाहोत से लोगों को बसाया भी,उन्हीं की वजह उस जगह को लोग ऊपर कोट कहने लगे आज भी वो सिलसिला चला आ रहा,लोग उस जगह को कोट के नाम से जानते पहचानते है।
वैसे तो आपने अपनी हायाते ज़िन्दगी में बहुत से अच्छे कम किए खास तौर पर आपने इल्म शिक्षा के मामले में बहुत से मदरसों के लिए धन की व्यवस्था कराई और अपने हाथों से संगे बुनियाद सैकड़ों की तादाद में रखी, आपने अपने हाथों से लगभग 300 मस्जिदें तामीर करवाई जिसमें फैजाबाद अयोध्या सुल्तानपुर अमेठी रायबरेली बाराबंकी तमाम जिलों में आज भी उनकी बनवाई हुई मस्जिदें आबाद है, आप ही की बदौलत कुर्ब जवार में दीन इस्लाम को जो बुलंदी हासिल हुई आपही की देन है,आपने हमेशा भलाई के रास्ते पर चलने का प्रयास खुद भी करते और दूसरों को भी इसकी दावत देते,आपने कभी दूसरों का हक मारने वालों को पसंद नहीं करते थे, खुलकर उनकी मुखालफ्त करते थे,न जाने कितने नगे भूखों लावारिसों यतीमों की देख रेख़ किया करते थे।
अपनी ह्याते ज़िन्दगी में आपने एक मदरसा और एक मस्जिद सत्थिन शरीफ में भी बनवाई,
 जिसे लोग जामा मस्जिद के नाम से जानते है।आस्ताना के बिल्कुल पास बगल में आज भी आपके सामने है,आज भी बेमिसाल इमारत अपने चाहने वालों के लिए जिसमें  पांचों वक्त की पाबन्दी से नमाज ब जमात लोगों के दिलों को रोशनों मुजल्ला करती है,
इस मस्जिद की संगे बुनियाद आपने सन 1851 में रखी और अपने हाथों से मंजिले टकमील तक पहुंचाया,मस्जिद के सामने बीच वाले मेहराब के ऊपर संगे बुनियाद की हिजरी पत्थर पर लिखी हुई देख सकते है,इस मस्जिद में जुमा के दिन हजारों की तादात में लोग नमाज़ जुमा अदा करते हैं,आपकी ज़िन्दगी हमेशा लोगों की भलाई और इस्लाम की बका के लिए एक मिशाल कायम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी,आपने कभी ज़ुल्म से समझौता नहीं किया हमेशा ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते थे,कई मिसालें आज भी इसकी याद ताज़ा करती है।
पूरी दुनियां में आपके चाहने वाले बेशुमार है आज भी इसकी मिसाल हर साल हजारों की तादात में जायरीनों का रेला देख आप खुद अंदाजा लगा सकते है, 
आप काफी मिलनसार सादगी पसंद साफ गो इंसान के भेष में ईश्वरीय दूत लगते है।
सूत्रों से पता चलता है कि आप आखरी बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र के बंशज नस्ल में से है लोगों का कहना है कि आप उनके बेटे है पर आपने अपने बारे में किसी से कोई बात शेयर(हकीकत नहीं बताई) नहीं की,
आपकीवफात पर्दा लगभग130साल की उम्र में हुई,
प्रशासन ने मेले में साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था चिकित्सा के लिए कमेटी ने निशुल्क इलाज की व्यवस्था कराई, सत्थिन चौकी प्रभारी शिव नारायण सिंह का योगदान काफी सराहनीय रहा।
 मेले में किसी भी तरह की कोई अव्यवस्था की कोई जगह नहीं छोड़ी चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर बनी रही अमन चैन से मेले का आयोजन समाप्त होने तक पुलिस प्रशासन बारीकी से नजर बनाए हुए था, मेला कमेटी के अध्यक्ष ग्राम पंचायत प्रधान भाई इफ्तिखार अहमद गुड्डू भाई का सहयोग आप सब के सामने रहा और आने वाले समय में भी कमेटी ने संकल्प लिया कि मेला में आए हुए मेहमानों को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो आने वाले समय में इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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