गैंगरेप के दोषी भाइयों को बीस-बीस साल तो अपराध में सहयोगी बने पिता को पांच साल की सजा

गैंगरेप के दोषी भाइयों को बीस-बीस साल तो अपराध में सहयोगी बने पिता को पांच साल की सजा

केएमबी कर्मराज द्विवेदी
सुलतानपुर/अमेठी। किशोरी को बहलाकर अपने साथ ले जाने व सामूहिक दुष्कर्म के आरोप से जुड़े मामले में दो सगे भाई व आरोपी पिता को दोषी करार देते हुए स्पेशल जज पाक्सो एक्ट/एडीजे तृतीय की अदालत ने कड़ी सजा सुनाई है। स्पेशल जज अभय श्रीवास्तव ने दोषी सगे भाइयों को बीस-बीस वर्ष के कठोर कारावास एवं कुल 1.80 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने बेटों के साथ इस घृणित कार्य मे शामिल होकर सहयोग करने के आरोपी पिता को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि पीपरपुर थाना क्षेत्र स्थित नेवढ़िया गांव निवासी आरोपी जितेंद्र शुक्ला के खिलाफ इसी थाना क्षेत्र के रहने वाले अभियोगी ने 24 मार्च 2015 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना के दिन अभियोगी की नाबालिग पुत्री भादर स्थित एक इंटर कालेज में परीक्षा देने गई थी, लेकिन परीक्षा का समय खत्म हो जाने के बाद भी जब उनकी लड़की तीन बजे तक घर नहीं पहुँची तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। काफी खोजबीन के बाद पता चला कि उसकी साइकिल पंचर बनाने के लिए भादर चौराहा स्थित एक दुकान पर खड़ी की गई थी और उसे आरोपी जितेंद्र शुक्ला बहलाकर अपने साथ लेकर कहीं चला गया था। मामले में अभियोगी की तहरीर पर आरोपी जितेंद्र शुक्ला के खिलाफ बहलाकर भगा ले जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ और प्रकरण की तफ्तीश चली, जिसके क्रम मे पीड़िता की बरामदगी हुई तो उसने बताया कि आरोपी जितेंद्र शुक्ला व उसके भाई हरि प्रकाश शुक्ला ने उसे ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया एवं आरोपी पिता सियाराम शुक्ला ने अपने आरोपी बेटों का घटना में सहयोग किया। मिली जानकारी के मुताबिक पीड़िता किशोरी वैश्य समाज से थी। मामले में आरोपी पिता-पुत्रो के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में चार्जशीट दाखिल की। प्रकरण का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट/एडीजे तृतीय की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियो को बेकसूर बताने का भरसक प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अभिषेक त्रिपाठी ने सभी आरोपियों की अपराध में अहम भूमिका बताते हुए उनके जरिये किये गये अपराध को अत्यंत गम्भीर व घृणित बताते हुए उन्हें दोषी ठहराकर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज अभय श्रीवास्तव ने मामले में आरोपी दोनों पुत्रो को दोषी करार देते हुए उन्हें बीस-बीस वर्ष के कठोर कारावास एवं 90- 90 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने आरोपी पिता को भगाने में सहयोग का दोषी मानते हुए पांच वर्ष के कठोर कारवास व 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़ित पक्ष को देने का आदेश पारित किया है।
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