एल्बेंडाजोल गोली खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम की गई शुरुआत
अमेठी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत जनपद में विभिन्न स्कूलों में बच्चों को कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेंडाजोल खिलाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अंशुमान सिंह ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गौरीगंज में छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर की। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उपस्थित छात्राओं को कृमि से होने वाली विभिन्न बीमारियों के बचाव एवं लक्षण के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक एल्बेंडाजॉल खिलाने से पहले खांसी, बुखार, सांस फूलना आदि लक्षणों की जांच कर लें और लाभार्थियों के कांटेक्ट हिस्ट्री के बारे में जान ले। जो बच्चे बीमार है या कोई दवाई ले रहे हैं उन्हें एल्बेंडाजॉल दवाई नहीं खिलाई जाएगी। जब बीमार बच्चे ठीक हो जाएगें तब उन्हें एल्बेंडाजॉल दवाई खिलाई जाएगी। दवा खिलाने से पहले अपने हाथ साबुन और पानी से नियमित तौर पर अच्छी तरह धोएं। एल्बेंडाजॉल की खुली हुई दवाई को न छुएं और बच्चों को स्वयं खिलाएं, शिक्षक दवाई अच्छी तरह चबाकर खाने का निर्देश दें। साफ पीने का पानी साथ रखें। बिना चूरा किए या बिना चबा कर खायी गयी एल्बेडाजॉल दवाई का प्रभाव कम हो सकता है। शिक्षक बच्चों के माता-पिता को डीवार्मिंग के मामूली दुष्प्रभावों के बारे में भी बताएं। इस मौके पर सीएमओ ने बताया कि जनपद में एक से 19 वर्ष के कुल लक्षित बच्चे 7.65 लाख हैं जिन्हें आज नेशनल डीवार्मिंग डे के अवसर पर एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली 200 एमजी का चूरा बनाकर और 2 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को एक गोली चबाकर खानी है जो बच्चे स्कूल नहीं जाते उनको आशा, आंगनबाड़ी घर-घर जाकर दवाई खिलाएंगी। उन्होंने बताया कि आज लगभग 75% बच्चों को दवा खिलाई गई जो बच्चे किन्हीं करणों से छूट गए हैं उन्हें माक अप राउंड के दौरान दवाई खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जनपद में एल्बेंडाजोल दवा की कोई कमी नहीं है, 1809 आशा और लगभग 1500 आंगनवाड़ी वर्कर इस अभियान में कार्य कर रहे हैं प्रत्येक सीएचसी पर एक रैपिड रिस्पांस टीम चिकित्सकों की बनाई गई है जो किसी भी विषम परिस्थिति में स्कूल या आंगनवाड़ी पर पहुंचेंगे।
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