प्रेमिका के पिता की हत्या की साजिश का आरोपी आफताब जेल विजिटर पहुंचा जेल

प्रेमिका के पिता की हत्या की साजिश का आरोपी आफताब जेल विजिटर पहुंचा जेल
लखनऊ में प्रेमिका के पिता की हत्या की साजिश रचने वाला आरोपित आफताब जेल विजिटर्स अधिवक्ता था। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के दो दिन पूर्व वह जिला जेल में निरीक्षण के लिए गया था। बैरक की व्यवस्थाएं देखकर उसकी रिपोर्ट भी तैयार की थी। जेल में बंद गरीब मुल्जिम जिनके अधिवक्ता न होने के कारण जमानत रुकी थी। उसका ब्योरा लिया था। आफताब को क्या पता था कि दो दिन बाद 12 जनवरी को कोरनटाइन बैरक में उसे हत्या के आरोप में बंद किया जाएगा। इंस्पेक्टर मदेयगंज राजेश सिंह के मुताबिक पकड़े जाने के पूर्व वह जेल भी निरीक्षण करने के लिए गया था। पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि अधिवक्ता आफताब की प्रेमिका का पति दिल्ली में सरकारी शिक्षक है। आफताब को जब उसकी प्रेमिका ने बताया कि पति ने मैसेज देख लिए उन्हें प्रेम प्रसंग की जानकारी हो गई है अब वह ज्यादा बात नहीं कर पाएगी। इसके बाद आफताब ने कृष्णकांत और यासिर को पहले उसके पति की हत्या की दो माह पूर्व दो लाख रुपये में सुपारी दी थी। शूटर उसे मारने के लिए दिल्ली गए भी थे। वह प्रेमिका का पति उन्हें मिल नहीं पाया था। इसके बाद आफताब ने प्रेमिका के पिता की हत्या की साजिश रची। पुलिस न पकड़ती दो जलाकर मार देते शूटर प्रेमिका के पिता की जगह जब कृष्णकांत और यासिर ने आटो चालक रिजवान की हत्या की तो आफताब ने बाकी के 1.20 लाख रुपये देने से इंकार कर दिया। इसके बाद आफताब से कृष्णकांत ने कहा कि अब वह उसकी प्रेमिका के पिता को दो दिन के अंदर जला कर मार देगा।
गोली लगने की पुष्टि न होने पर मामला संदिग्ध
इंस्पेक्टर मदेयगंज राजेश सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की पुष्टि नहीं थी। इस लिए संदिग्ध मौत लगी। पीएम रिपोर्ट में घाव और हड्डी टूटने की बात का जिक्र था। इस लिए इस दिशा में जांच की जा रही थी। रिजवान के बेटे अयान की तहरीर मिली थी। मुकदमा दर्जकर फुटेज और साक्ष्यों के आधार पर आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है। वहीं, रिजवान के बेटे अयान ने बताया कि वह महानगर भीकमपुर के रहने वाले हैं। 30 दिसंबर की रात पिता घायल अवस्था में खदरा में मिले थे। पुलिस से सूचना मिलने पर वह ट्रामा सेंटर पहुंचे। वहां पिता की मौत हो चुकी थी। अगले दिन पोस्टमार्टम हुआ। देर शाम थाने में तहरीर दे दी थी, पर पुलिस ने चार जनवरी को मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने में देरी की।


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