नौगंवा तीर में सात दिवसीय ज्ञान यज्ञ का समापन,
बल्दीराय सुल्तानपुर। भगवान की निकटता पाने के लिए हमारे भीतर सत्य प्रेम करुणा का भाव होना चाहिए। जब भक्ति है तभी भगवान भी हैं। भक्तिभाव से ही भगवान प्रसन्न होते हैं। ये बातें क्षेत्र के नौगंवा तीर में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ समापन के अवसर पर कथा व्यास पंडित अरविन्द तिवारी जी महाराज ने प्रवचन में कहीं। कथा व्यास ने कथा का रसपान करते हुए कहा कि किसी के प्रति ईष्र्या की भावना नहीं रखना चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से ही मनुष्य के जीवन के सभी सांसारिक पाप नष्ट हो जाते हैं। भगवान सदैव अपने भक्तों के वश में रहकर उनकी रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। मनुष्य मात्र सांसारिक जीवन को ही सुख मानकर भगवान को भूल जाता है। मनुष्य को सत्य मार्ग पर चलकर सांसारिक बुराइयों का त्याग कर अपने जीवन को धन्य बनाया जा सकता है। भक्तो को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही, जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तों को बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र को विपत्ति में साथ दें। उसे अपने से नीचा रखने के बजाय समकक्ष बनाने का प्रयास करें। कथा व्यास ने कहा कि मित्रता का अर्थ स्वार्थ नहीं बल्कि सहयोग और समर्पण होना चाहिए। सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तों को बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीवन का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है मुख्य यजमान रामबली सिंह व उमा सिंह ने व्यास पीठ की आरती उतारी तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर कथा में आई श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर अमित सिंह प्रशांत सिंह अजीत सिंह आदर्श सिंह राजनाथ सिंह सनी सिंह अनीस सिंह अमन सिंह अखिल सिंह निशान्त सिंह सहित बडी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे.
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