महिला चौकीदार को दिल्ली परेड देखने को आया आमंत्रण, समारोह में शामिल होने दिल्ली रवाना
बिछुआ–पुलपुलडोह बैरियर पर कार्यरत एक ऐसी आदिवासी महिला जिसने कभी नई दिल्ली जाने का सपना भी नहीं देखा लेकिन अब वह गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह की विशेष मेहमान बनकर पहुंच रही है। जानिए कौन है वह आदिवासी महिला और आखिर क्यों उसे दिल्ली से बुलावा आया है।
गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में शामिल होने दिल्ली हुई रवाना।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गणतंत्र दिवस के समारोह में शामिल होने के लिए झुन्नी बाई वन विभाग के अधिकारियों के साथ दिल्ली के लिए ट्रेन से रवाना हो गई है हालांकि आदिवासी इलाके में रहने की वाली झुन्नी बाई अपने साथ ना तो मोबाइल रखती है और ना ही किसी तरह की डिजिटल उपकरणों का उपयोग करती है सामान्य सा जीवन जीने वाली झुन्नी बाई के लिए गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में शामिल होना सपने से कम नहीं है।
करीब 20 सालों से वन विभाग में करती है चौकीदारी कई बार हुआ है खूंखार जानवरों से सामना।
पेच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली के कर्तव्यपथ में आयोजित होने जा रहे 76 वें गणतंत्र दिवस समारोह में केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा विशेष अतिथि के तौर पर पेंच टाइगर रिजर्व, मध्यप्रदेश से 48 साल की श्रीमति झुन्नीबाई उईके को विशेष अतिथि के तौर पर बुलावा आया है झुन्नीबाई उईके पति स्व. मक्खन उईके करीब 20 सालों से पेंच टाइगर रिजर्व कोर एरिया में चौकीदारी का काम करती है इस दौरान उनके कई बार जंगली जानवरों से सामना भी हुआ है लेकिन कर्तव्य पथ से कभी पीछे नहीं हटी।
कोर एरिया में डटकर काम करने वाली एकमात्र महिला है झुन्नी बाई।
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि आदिवासी महिला झुन्नी बाई छिन्दवाडा जिला के एक अत्यंत दूरस्थ ग्राम पुलपुलडोह की निवासी है एवं आदिवासी गोंड समुदाय से आती है तथा विगत दो दशकों से भी अधिक समय से टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है। पेंच टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में इतनी लंबी अवधि से काम करने वाली यह एक मात्र महिला है एवं अपने पुरूष साथी वन कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण में अत्यंत साहसिक ढंग से अपना योगदान दे रही हैं।
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