ग्रामीणो में बाघ की दहशत, वन अमले की बढ़ी मुश्किलें
बिछुआ। आदिवासी विकासखंड में शनिवार को सुबह देवरी से खबर लगी के बाघ के द्वारा दो मवेशी का शिकार हो गया। इसकी सूचना ग्रामीणों ने बफर जोन खमारपानी को एवं सामान्य परिक्षेत्र को दिया। विभाग के द्वारा पंचनामा तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजकर मौवावजे के लिए भेजा गया है। किन्तु कब तक जाएंगे जंगली जानवर जंगल में देखना होगा। फिलहाल तो वन विभाग रात में गस्ती कर रहे हैं और ग्रामीणो को घर में रहने कि हिदायत दी गई है।ख़मारपानी क्षेत्र में बाघिन का यह मूवमेंट केवल खेतों में और गांव के आसपास ही नहीं है बल्कि मुख्य सड़क पर भी बाघिन लगातार देखी जा रही है। लगभग 10 दिन पहले 10 मार्च को बाघिन ने खमारपानी, धनेगांव रोड पर खैरी जोड़ के पास दो मवेशियों पर हमला किया जिसमें से एक मवेशी की मौत हो गई और दूसरे बछड़े को घायल अवस्था में छोड़कर बाघिन झाड़ियां में छिप गई। बाद में मरे हुए मवेशी को खाने के लिए बाघिन वापस रात में वही लौटी जिसका फोटो कैमरे में कैद किया गया है। इसी तरह बाघिन ने कुंडई गांव के पास भी एक मवेशी का शिकार किया। पिछले 15 दिन में बाघिन चार बार इस क्षेत्र में शिकार कर चुकी है जिससे अब ग्रामीणों में दहशत बढ़ने लगी है।
पेंच नेशनल पार्क से लगे इन ग्रामों में दहशत, पेंच नेशनल पार्क से लगे जिन ग्रामों में बाघिन अपने शावकों के साथ घूम रही है वह गांव पेंच नेशनल पार्क के मध्य प्रदेश के क्षेत्र और महाराष्ट्र के क्षेत्र के बीच में आते हैं। इनमें प्रमुख रूप से घोराड, खैरी, पीलकापर, सावजपानी, कुंडई, चिर्रेवानी और थुऐपानी छेडीया, दुधगांव इस प्रकार दुसरी ओर गुमतरा, बंधानमाल, थोटा, डोला, पांजरा प्रमुख है। इसके अलावा महाराष्ट्र के गांव बिसनपुर और घाट पिंडरई में भी बाघ का मूवमेंट है। शनिवार को देवरी के पास भी दो मवेशी का शिकार होना पाया गया जिससे पता चलता है कि एक नहीं बल्कि दो बाघ जंगल से बहार विचरण कर रहे हैं जिसमे एक बाघिन दो शावक के साथ खैरी के आसपास शिकार कर रही है तो दुसरा देवरी थुऐपानी सांवरी में दहशत मचाए हुए है। भारी मशक्कत के बाद भी विभाग ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहा है। अब देखना होगा कि आगे और क्या रणनीति बनाई जा सकती है। कैसे अंदर भेजा जाएगा।
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