वाराणसी जेल से बंदी की फर्जी रिहाई के मामले में पूर्व जेल अधीक्षक, जेलर और डिप्टी जेलर निलंबित

वाराणसी जेल से बंदी की फर्जी रिहाई के मामले में पूर्व जेल अधीक्षक, जेलर और डिप्टी जेलर निलंबित

केएमबी ब्यूरो

लखनऊ। वाराणसी जिला जेल से एक कैदी को फर्जीवाड़े से रिहा कर दिया गया था। इस मामले में योगी सरकार ने मंगलवार को तत्कालीन सुपरिटेंडेंट समेत तीन बड़े जेल अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में जेल के तत्कालीन सुपरिटेंडेंट उमेश सिंह, जेलर राजेश कुमार और तत्कालीन डिप्टी जेलर मीना कनौजिया शामिल हैं। पिछले दिनों वाराणसी जेल में बंद बंदी सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी को फर्जी बेल ऑर्डर के आधार पर बिना पड़ताल के रिहा कर दिया गया था। सुनील धोखाधड़ी और साइबर अपराधों में जेल में था। उस पर धोखाधड़ी और साइबर अपराध के आरोप थे। वाराणसी के DIG, जेल ने शुरुआती जांच की। डीआईजी जेल, वाराणसी की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि जेल अधिकारियों ने जेल मैनुअल और विभागीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया। जांच में पता चला कि इन अधिकारियों ने जेल के नियमों और विभागीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया था। इसी वजह से कैदी गैरकानूनी तरीके से रिहा हो गया। जांच रिपोर्ट में पता चला कि ये अधिकारी सीधे तौर पर शामिल थे। इसलिए उन्हें तुरंत सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जेल मंत्री दारा सिंह चौहान ने इस घटना पर गंभीरता से ध्यान दिया। उन्होंने कहा, योगी सरकार भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रखती है। जेल जैसी संवेदनशील संस्था में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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