भारत को शाश्वत रखना है तो राणा प्रताप के आदर्शो पर चलना होगा- अनिल शुक्ला
सुल्तानपुर। राणा प्रताप पी जी कॉलेज द्वारा राष्ट्र गौरव राणा प्रताप की 485 वीं जयंती पर क्षत्रिय भवन स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पार्चन किया गया। यहाँ एम जी एस इंटर कॉलेज और डीएसएम स्कूल के बच्चों के साथ एनसीसी कैडेट उपस्थित रहे। तत्पश्चात राणा प्रताप महाविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। महाविद्यालय के प्रबंधक बालचंद्र सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप देश के गौरव है। महाराणा से राष्ट्र के प्रति समर्पण की सीख हमेशा मिलती रहेगी। महाराणा प्रताप केवल राजपूतों के नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष के आदर्श हैं। आज जब हम स्वतंत्र हैं, तो यह उन्हीं महान आत्माओं की देन है जिन्होंने आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया। महाराणा प्रताप का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है — राष्ट्रभक्ति, आत्मसम्मान और अडिग संकल्प का। आइए, हम सब उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लें। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो डी के त्रिपाठी ने कहा कि महाराणा प्रताप शौर्य एवं वीरता के प्रतीक है। राणा प्रताप का व्यक्तित्व प्रकाशपुंज की तरह है, पीढियां उनसे प्रेरणा पाती रहेंगी। महापुरूषों के गुणों को अंगीकार करना चाहिये। राष्ट्र हेतु युवाओं को राणा प्रताप से प्रेरणा लेनी चाहिए। प्रो शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक ग्रंथो में मुगलों को महिमामंडित किया गया। महाराणा प्रताप के स्वदेश प्रेम की भावना से हमें सीखने की आवश्यकता है। प्रताप से स्वाभिमान और संघर्ष की प्रेरणा हमेशा मिलती रहेगी। मौजूदा परिस्थितियों में हमें भी राष्ट्र के लिये तैयार रहना चाहिए। अनिल शुक्ला एडवोकेट ने कहा कि भारत को शाश्वत रखना है तो राणा प्रताप के आदर्शो पर चलना होगा। स्वाभिमान की लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए। हमें अपनी संस्कृति ,सभ्यता बनाये रखनी होगी। बी एड़ द्वितीय वर्ष की आस्था ने राणा प्रताप के व्यक्तित्व को रेखांकित किया। आभार ज्ञापन आईक्यूएसी के डायरेक्टर डॉ इंद्रमणि कुमार ने किया। मंच संचालन डॉ प्रभात श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर पूर्व प्रबंधक सुरेंदनाथ सिंह, उदयभान सिंह, रणजीत सिंह, धनन्जय प्रताप सिंह , अजय कुमार सिंह के साथ महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Tags
विविध समाचार