अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की बैठक में रायबरेली, सीतापुर एवं लखनऊ के जिलाध्यक्ष घोषित
लखनऊ। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत अवध प्रांत की बैठक में लखनऊ महानगर एवं जिला इकाई की कार्यकारिणी व रायबरेली , सीतापुर, एवं लखनऊ इकाई हेतु जिलाध्यक्षों की घोषणा हुई। 15 जून 2025 दिन रविवार को अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत अवध प्रांत की प्रांतीय बैठक एमबी गार्डेन एवं रिजॉर्ट, तहसील रोड, बक्शी का तालाब, लखनऊ में संपन्न हुई। जिसमें अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पर्यावरण एवं प्रमुख आदरणीय डॉक्टर प्रमोद पांडेय का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उक्त बैठक की अध्यक्षता अवध प्रांत के अध्यक्ष यशपाल सिंह द्वारा किया गया तथा संचालन प्रांतीय सचिव आशुतोष मिश्र द्वारा किया गया।
उक्त बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पर्यावरण एवं प्रमुख डॉ प्रमोद पांडेय द्वारा कहा गया अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, ग्राहक हित में कार्य करने वाला संघ का अनुषांगिक संगठन है, इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं और हम सभी शताब्दी वर्ष मना रहे हैं और इस शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन- सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण, ‘स्व’ स्वदेशी आधारित जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य को समाज में लेकर जाने का कार्य कर रहे हैं।
ग्राहक शब्द का अर्थ व्यापक है, जो भी चीज ग्राहय है, उसी को ग्रहण करना चाहिए और जो ग्रहण करता है वही ग्राहक है। कोई भी अर्थव्यवस्था बिना ग्राहक के संभव नहीं है।
आहार-निद्रा-भय-मैथुनं च सामान्यमेतत् पशुभिर्नराणाम्, धर्मो हि तेषामधिको विशेष: धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः, इसका अर्थ है कि आहार, निद्रा, भय, और मैथुन ये सभी काम इंसान और पशुओं में एक जैसे होते हैं. मनुष्य को पशुओं से अलग करने वाला धर्म ही है।
जहां धर्म नहीं है वह पशु के ही समान है।
उपभोक्तावाद बाढ़ की तरह बढ़ रहा है हम ग्राहक की तरह व्यवहार करें, ग्राहक ग्रहण करने का भाव रखता है, आजकल शॉपिंग मॉल में बहुत सारे विज्ञापन प्रलोभन व छूट दी जाती है, जैसे एक के साथ एक फ्री, जैसे एक समान लेने पर फला प्रतिशत की छूट, दो सामान लेने पर अधिक छूट, तीन सामान लेने पर तो सामान मुफ्त आदि तरह के प्रयोग करने वाले विज्ञापन दिए जाते हैं, जबकि उनकी हमें कोई आवश्यकता नहीं है। हमारी जरूरत मात्र एक शर्ट या एक वस्तु की है। ऐसे में हमें अपने मन मस्तिष्क एवं शुद्ध बुद्धि से निर्णय लेते हुए भी खरीदारी करनी चाहिए हमें वही सामान लेना चाहिए जिसकी खरीदारी करने के लिए हम बाजार गए हैं। उपभोक्तावाद में वस्तु को अधिक से अधिक मूल्य पर विक्रय करने की परंपरा बनी हुई है, जब बाजार में माल की अधिकता होने लगती है तो कीमत बनीं रहे, इसके लिए माल को बाजार आने से रोक दिया जाता है। विदेश में तो यहां तक देखा जाता है कि वह बहुत सारे खाद्यान्न गेहूं वगैरा को कीमत बड़ा रखने के लिए माल को समंदर में ही डुबो देते हैं। जिससे उन्हें पर्याप्त मुनाफा मिल सके।
प्रांतीय अध्यक्ष यशपाल सिंह द्वारा लखनऊ महानगर व जिला इकाई की नवीन कार्यकारिणी, रायबरेली, सीतापुर,एवं लखनऊ जिला इकाई के अध्यक्षों आदि के नाम की घोषणा की गई जोकि निम्नवत है -
नवीन कार्यकारिणी लखनऊ महानगर इकाई
अध्यक्ष - लक्ष्मीकांत पांडेय
उपाध्यक्ष - राघवेंद्र प्रताप सिंह
उपाध्यक्ष - देवेश सिंह
सचिव - दीपक सिंह
महिला जागरण आयाम प्रमुख - जान्हवी दुबे
विधि आयाम प्रमुख- प्राची त्रिवेदी
रोजगार सृजन आयाम प्रमुख- पुनीत कुमार दीक्षित
पर्यावरण एवं प्रमुख - विजय शंकर पांडे
कार्यकारिणी सदस्यह- अभिषेक कश्यप
नवीन कार्यकारिणी जिला इकाई लखनऊ
अध्यक्ष - पंकज कुमार सिंह
सचिव - अमित कुमार सिंह
कोषाध्यक्ष दिनेश शुक्ल
कार्यकारिणी सदस्य- अच्युतानंद पाठक
संयोजक बक्शी का तालाब अमित त्रिपाठी
जिला अध्यक्ष रायबरेली इकाई सचिन सिंह
जिलाध्यक्ष सीतापुर इकाई सुमित कुमार सैनी
प्रांतीय संगठन मंत्री डॉ. राम प्रताप सिंह द्वारा नव नियुक्त कार्यकारिणी को शुभकामनाएं दी गई तथा बताया गया कि सन 1942 में हमारे देश के लोगों को यह लगने लगा कि देश आजाद हो जाएगा लेकिन प्रश्न यह था कि आजाद देश जिन हाथों में हो वह भी नैतिक रूप से सुदृढ़ रहे तथा राष्ट्रवाद से निर्मित एक मर्यादित समाज की स्थापना हो तथा हिंदू समाज जागृत हो सके। आदरणीय डॉ. हेडगेवार जी ने राष्ट्र को परम वैभव तक ले जाने के लिए सन 1925 ई. में मोहिंतो के बाड़े से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रारंभ किया और कार्य को आगे बढ़ाया जिससे निकले हुए स्वयंसेवक राष्ट्रवाद की भावनाओं के साथ कार्य करते हुए राष्ट्र को परम वैभव पर ले जा रहे हैं।
आज से 50 वर्ष पूर्व ग्राहक के बारे में विचार करने वाला कोई नहीं था वरिष्ठ प्रचारक आदरणीय दातोपंत ठेंगड़ी जी द्वारा एक पुस्तक लिखी गई जिसका नाम था ' King without Sovereignty' जिसका हिंदी में अनुवाद था *संप्रभुता विहीन राजा* यह बात उन्होंने ग्राहक के विषय में ही कही थी कि वह एक ऐसा राजा है जिसे अपने लिए वस्तु क्रय करने के लिए स्वतंत्रता तो है परंतु जागरूकता नहीं है। सन 1974 में संघ की वरिष्ठ प्रचारक स्वर्गीय बिंदु माधव जोशी जी द्वारा अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की स्थापना की गई अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत विश्व का सबसे बड़ा ग्राहक संगठन है इसका एक पूरा प्रभाव है और प्रबंधन तंत्र है। हम कोई उग्र आंदोलन नहीं करते हैं हम शांतिपूर्ण आंदोलन करते हुए जागरण करते हैं। उपभोक्ता संरक्षण कानून, सोने की वस्तुओं पर हॉलमार्क , रेरा संबंधित कानून, बैंक एफडी पर ₹ पांच लाख तक की गारंटी,आदि हमारी मुख्य उपलब्धि रही है अभी हम एम.आर.पी. विषय पर कार्य कर रहे हैं । विक्रयमूल्य का नियंत्रण होना चाहिए किसी भी वस्तु पर उसकी लागत मूल्य भी लिखा जाना चाहिए जैसे हृदय रोग का इलाज करने के लिए पहले स्टंट ढाई लाख रुपए का पड़ता था परंतु अब सरकार की जागरूकता के कारण वह मात्र ₹40000 में लग जा रहा है। आज सबसे ज्यादा शोषण ग्राहकों का हो रहा है जबकि अर्थव्यवस्था का मूल ग्राहक है किसी भी अर्थव्यवस्था से यदि ग्राहक को निकाल दिया जाए तो उसे अर्थव्यवस्था का कोई अर्थ नहीं है, इसलिए हमें जागरूक रहते हुए समाज को जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए।
अध्यक्ष उद्बोधन में यशपाल सिंह द्वारा नवीन कार्यकारिणी को शुभकामनाएं देते हुए कहा गया कि समाज और प्रकृति से हम बहुत कुछ प्राप्त करते हैं तो उसके प्रति भी हमारा कुछ उत्तरदायित्व है हम तन मन धन जिस प्रकार भी समाज व प्रकृति में सहायक हो सके हमें वह कार्य करना चाहिए। आज जो हम आराम से अपनी जिंदगी जी रहे हैं इसके लिए तमाम समाज सुधारको ने पूरा जीवन लगाया है और समाज की कुरीतियों को समाप्त करते हुए नई दिशा दी है। हमारे पास 24 घंटे का समय होता है, उसे हमें नियोजित करना चाहिए 7 घंटे सोने के लिए, 5 घंटे व्यक्तिगत कार्य व्यवहार के लिए, 8 घंटे कार्यक्षेत्र के लिए अगर हम दे देते हैं , फिर भी हमारे पास चार घंटे शेष है, उस चार घंटे में से कम से कम 2 घंटे तो हम समाज व राष्ट्र के कार्य के साथ लगा ही सकते हैं।
उक्त बैठक में पंकज सिंह द्वारा कहा गया कि इस संगठन के माध्यम से हम आम लोगों की आवाज को उठा सकते हैं तथा एक शोषण मुक्त समाज की स्थापना कर सकते हैं।
सुमित कुमार सैनी द्वारा कहा गया कि सीतापुर जनपद में वे जल्द ही एक बैठक करेंगे और संगठन के कार्य को आगे बढ़ाएंगे।
सचिन सिंह द्वारा कहा गया कि इस संगठन के माध्यम से हम शोषित पीड़ित को न्याय दिलाने का प्रयास कर सकते हैं।
राघवेंद्र सिंह द्वारा कहा गया कि संगठन में हमें मतभेद को हटाकर संगठित होकर कार्य करना चाहिए जिससे संगठन एक दिशा में कार्य करें।
दीपक सिंह द्वारा कहा गया की संगठित में उन्हें जो भी दायित्व दिया जाएगा उसका वह निर्वहन करेंगे तथा इस संगठन के माध्यम से राष्ट्रवाद की भावना का भी विकास होता है।
कमल अवस्थी द्वारा कहा गया कि वह संगठन की भावना के अनुरूप कार्य करते हुए, नेतृत्व द्वारा जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसका पालन करेंगे।
अच्युतानंद पाठक द्वारा कहा गया कि ग्राहक पंचायत में मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे पर कार्य करूंगा और संगठन को आगे बढ़ने का प्रयास करूंगा।
सुश्री जाह्नवी दुबे द्वारा कहां गया कि जो दायित्व संगठन द्वारा उन्हें दिया गया है उस पर अपने पूरे मनोयोग से कार्य करेंगे।
नरेंद्र कश्यप द्वारा यह बताया गया कि रोजगार सृजन आयाम में हम जो भी सरकार की योजनाएं होती हैं उसे समाज तक ले जाने का प्रयास करते हैं हमें सरकारी नौकरी के स्थान पर रोजगार को बढ़ावा देने का कार्य करना है जब कोई भी व्यक्ति स्वरोजगार मैं उन्नति की ओर बढ़ता है तो वह कई लोगों को रोजगार देता है इस प्रकार हमें लोगों को नौकरी देने वाला बनना है ना की नौकरी करने वाला। रोजगार सृजन आयाम के माध्यम से हम सरकार के योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं।
पर्यावरण आयाम प्रमुख प्रकाश चंद्र बरनवाल द्वारा उक्त बैठक में पर्यावरण संरक्षण संकल्प पत्र भरवाया गया जो कि पर्यावरण आयाम द्वारा जल संरक्षण वृक्षारोपण और सिंगल यूस प्लास्टिक के संबंध में प्रमुखता से जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है।
उक्त बैठक का प्रारंभ संगठन मंत्र व समापन कल्याण मंत्र से कराया गया जो की प्रांतीय कोषाध्यक्ष रामशंकर अवस्थी द्वारा किया गया।
उक्त बैठक में प्रांतीय साहब कोषाध्यक्ष प्रेमचंद वर्मा, विधि आयाम प्रमुख श्सत्येंद्र, प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, रोजगार सृजन आयाम प्रमुख जितेंद्र शर्मा, अमित त्रिपाठी, पुनीत कुमार आदि कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
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