शासकीय महाविद्यालय कुरई में हर्षोल्लास से मनाया गया मध्यप्रदेश का 70 वा स्थापना दिवस
सिवनी। शासकीय महाविद्यालय कुरई में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ व राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में मध्यप्रदेश का 70 वा स्थापना दिवस उल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र गीत वंदे मातरम तथा मप्र गान का सामूहिक गायन किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य बीएस बघेल ने सभी को मप्र स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए मप्र का महत्व, मप्र की स्थापना एवम आत्मनिर्भर मप्र विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज गहरवार ने बताया कि 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के फलस्वरूप 1 नवंबर 1956 को नया राज्य मप्र का उदय हुआ। प्रदेश का पुनर्गठन भाषाई आधार पर किया गया। डॉ नितिंका रघुवंशी ने बताया कि वर्ष 2025 में मप्र स्थापना दिवस उद्योग और रोजगार की थीम पर अभ्युदय मप्र के रूप में मनाया जा रहा हैं, जिसका उद्देश्य उद्योगों को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना हैं। डॉ तीजेश्वरी पारधी ने आत्मनिर्भर मप्र पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हमें आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश एवं देश की प्रगति में अपना योगदान देना है। प्रो जेपी मरावी ने बताया कि म.प्र. राज्य को भारत के दिल के रूप में जाना जाता है। डॉ राजेंद्र कटरे ने बताया कि म.प्र. ने कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में काफी अच्छा किया है। इस दौरान विद्यार्थियों ने सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता,पोस्टर,निबंध लेखन,भाषण,वाद विवाद प्रतियोगिता में सहभागिता दी। वंदना दर्शनिया,करीना वंशकार,आरती डहरवाल,माही श्रीवास,गगन राउत,हिमांशु बरमैया ने मप्र की सांस्कृतिक कलाओं पर पोस्टर बनाया। कार्यक्रम के दौरान मंच पर डॉ नितिंका रघुवंशी, डॉ तीजेश्वरी पारधी, डॉ राजेंद्र कटरे,जेपी मरावी,अलका नागले इत्यादि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्नेहा बरमैया, आर्यन धौलपुरिया, सौरभ कंगाली,अदीबा खान इत्यादि का योगदान रहा।
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