शिशु संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी- डॉ.सरिता कुशवाह
डा राजेश सिंह चौहान
इटावा, 23 फरवरी 2022।
जनपद के समृद्धि चिकित्सालय (भरथना चौराहा तुलसी नगर) में बच्चे के जन्म पर मां को उपहार स्वरूप एक पौधा दिया जाता है। चिकित्सालय द्वारा शिशु संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया जाता है। समाज सेविका वह समृद्धि हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सरिता कुशवाहा ने चिकित्सालय में 15 अगस्त 2019 से एक नई पहल की। इसके तहत हॉस्पिटल में प्रसव के बाद शिशु के जन्म उत्सव के साथ पर्यावरण उत्सव मनाए जाने की पहल की शुरुआत हुई। डॉ सरिता ने कहा कि वर्तमान स्थितियों में बढते प्रदूषण को देखते हुए भावी पीढ़ी को स्वस्थ रखना है, तो शिशु संरक्षण जितना जरूरी है उतना ही जरूरी पर्यावरण संरक्षण भी है। इसके तहत चिकित्सालय में शिशु के जन्म पर मां को उपहार स्वरूप एक पौधा दिया जाता है।
डॉ सरिता ने बताया समृद्धि चिकित्सालय की नींव 17 अप्रैल 2019 में रखी गई और तब से ही हम लोग निस्वार्थ होकर समाज के हर वर्ग को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया - 15 अगस्त 2019 से हमने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रसव उपरांत मां को शिशु के पालन पोषण संबंधित जानकारियां देने के साथ पर्यावरण संरक्षण के बारे में भी समाज में जागरूकता लाने का संकल्प लिया। डॉ सरिता ने बताया वैज्ञानिक तथ्यों से स्पष्ट हो गया है कि बच्चों को मानसिक तनाव से अगर बचाना है तो उन्हें प्राकृतिक स्थानों और पेड़-पौधों के संरक्षण से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। इसलिए शिशु के जन्म पर जब हम अभिभावक को पेड़ उपहार स्वरूप देते हैं तो उन से अनुरोध करते हैं जिस तरह शिशु का पालन पोषण करें उसी तरह इस पेड़ की देखभाल करें और बच्चे को प्राकृतिक रूप से पेड़ पौधों के संरक्षण से जोड़ कर रखें। इससे उनमें रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा साथ ही बच्चे मानसिक तनाव से दूर रहेंगे।
डॉ सरिता ने बताया - आगामी दिनों में जल्द ही चिकित्सालय की तरफ से जिन पेड़ों को उपहार स्वरूप दिया जाता है उन पेड़ों का फॉलोअप भी किया जाएगा | इसके साथ ही उपहार दिए हुए पेड़ों का संरक्षण अभिभावक किस प्रकार कर रहे हैं यह देखने के बाद बेहतर तरीके से पेड़ के संरक्षण का जो कार्य कर रहा है उन सभी अभिभावकों को प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया समृद्धि चिकित्सालय में महिला दिवस और राष्ट्रीय बालिका दिवस भी धूमधाम से मनाया जाता है और चिकित्सालय में इस दिन जन्म लेने वाली बच्चियों को शगुन के रूप में ₹2100 राशि दी जाती है।डॉ सरिता की इस पहल के लिए जनपद में पर्यावरण संसद समारोह में उनको सम्मानित भी किया गया है और उनकी पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल को सभी जनपद वासियों द्वारा भी सराहा भी गया है।
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