टीका लगने के एक सप्ताह बाद दूसरे नवजात शिशु ने भी तोड़ा दम, ग्रीन लैण्ड हॉस्पिटल सील
गोरखपुर। चिकित्सक द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने व अनाधिकृत रूप से हॉस्पिटल संचालित करने के आरोप में आज ग्रीनलैंड हॉस्पिटल को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी,अपर सिटी मजिस्ट्रेट, डिप्टी सीएमओ तथा प्रभारी चिलुवाताल थाना की उपस्थिति में सील किया गया। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सुधीर गुप्ता और उनके सहयोगी स्टॉफ के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। डॉ. सुधीर गुप्ता के टीका लगाते ही नवजात बच्चे की मौत हो गई थी। एक सप्ताह बाद दूसरे नवजात की भी मौत ही गई, इंजेक्शन लगते ही उसका शरीर नीला पड़ गया। जब तक परिवार के लोग कुछ समझ पाते मासूम ने दम तोड़ दिया। घटना शहर के करीम नगर चरगांवा के ग्रीनलैंड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में 5 मार्च की है। उधर, मासूम की मौत के परिवार के लोगों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। पहले तो पुलिस इस मामले में पीड़ित को मामला मैनेज करने की सलाह देती रही। लेकिन, जब मामला तूल पकड़ लिया तो आनन फानन में पुलिस ने अब इस मामले में चिलुआताल पुलिस ने पीड़ित सौरभ राय की तहरीर पर डॉ. सुधीर गुप्ता और उनके सहयोगी के खिलाफ लापरवाही से मौत की धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इतना ही नहीं, शासन के निर्देश पर डॉ. सुधीर गुप्ता के प्राइवेट अस्पताल ग्रीनलैंड और प्राइवेट प्रैक्टिस किए जाने के खिलाफ भी जांच शुरू हो गई है।
सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा, नवजात को जो टीका लगाया गया, उसकी जांच के लिए निर्देशित किया गया है। टीके का कोल्ड चेन मेंटन किया गया था या नहीं। अस्पताल में टीका रखने की व्यवस्था है या नहीं। बाल रोग विशेषज्ञ या प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी ने टीका लगाया था या नहीं। इन सभी बिंदुओं पर जांच कराई जा रही है। साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस के मामले में भी जांच शुरू करा दी गई है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। हालांकि, 5 मार्च को हुई इस घटना के बाद ही परिवार ने इसकी लिखित शिकायत पुलिस से लेकर डीएम, सीएमओ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक से मिलकर की। लेकिन, शनिवार तक पीड़ित परिवार का केस नहीं दर्ज किया गया। मासूम के पिता का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन तो दिया, लेकिन पुलिस कहती है डॉक्टर बड़ी मछली है। उनका भाई बीजेपी का बड़ा नेता है। आपस में मिलकर मैनेज कर लो। लड़ नहीं पाओगे। डीएम ने दिया आश्वासन, सीएमओ ने मांगी रिपोर्ट। शनिवार को इससे नाराज परिवार के लोग शुक्रवार को डीएम कार्यालय पर विरोध करने पहुंच गए। काफी अधिक संख्या में परिवार के लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। डीएम ने कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। वहीं, सीएमओ ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नंदलाल कुशवाहा को जांच के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
बीआरडी के डॉक्टर चलाते हैं प्राइवेट अस्पताल
दरअसल, ग्रीनलैंड अस्पताल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के गायनी विभाग के डॉक्टर सुधीर गुप्ता है। हालांकि, अस्पताल कर रजिस्ट्रेशन उन्होंने वह अपने भाई डॉ. डीके गुप्ता के नाम से करा रखा है। लेकिन, डॉ. सुधीर गुप्ता भी यहां प्राइवेट प्रेक्टिस करते हैं। बच्चे की डिलेवरी भी डॉ. सुधीर गुता ने ही कराया था। डॉ. सुधीर पर ही मासूम के पिता ने गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। पूरा मामला गगहा के रहने वाले सौरभ कुमार राय ने 5 मार्च को सात दिन के नवजात को ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में टीका लगवाया था। आरोप है कि टीका लगने के कुछ ही देर बाद नवजात की तबीयत बिगड़ गई। परिजन एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज लेकर गए, जहां पर बाल रोग विभाग में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई।
वहीं, इस मामले में सौरभ ने चिलुआताल थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन, घटना के 5 दिन बीत जाने के बाद भी उनका केस नहीं दर्ज किया गया। इस बीच वह जनता दरबार में जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिले। सीएम ने कार्रवाई का भरोसा भी दिया। बावजूद इसके 5 दिनों तक हुआ कुछ भी नहीं। अब मामला तूल पकड़ने के बाद इस मामले में केस दर्ज किया गया। उनका आरोप है, उसी दिन अस्पताल में दो और बच्चों को भी टीका लगाया गया था, उनकी भी तबीयत खराब हो गई थी।आज उसमे से एक नवजात की मौत हो गई,जसके बाद उसके परिजन शिशांत चार्ल्स ने बताया की अस्पताल मेँ नवजात को तीनो टिके लगाए गए थे। इसमें ओरल पोलियो वैक्सीन, हेपटाइटिस बी, और बीसीजी का टीका शामिल हैं, इन्ही मेँ से किसी एक टीके का रिएक्सन हुआ जिससे नवजात की मौत हुई।
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