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अशरफ मामले में कारागार प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: बरेली, नैनी और बांदा जेल अधीक्षक किए गए निलंबित

अशरफ मामले में कारागार प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: बरेली, नैनी और बांदा जेल अधीक्षक किए गए निलंबित

केएमबी संवाददाता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बरेली जिला जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ के मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रभारी डीआईजी जेल आरएन पांडेय की रिपोर्ट पर मंगलवार को शासन ने बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को निलंबित कर दिया है। राजीव शुक्ला पर जेल में अशरफ को वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराने का आरोप हैं। इस मामले में जेल अधीक्षक से पहले जेलर और डिप्टी जेलर भी निलंबित किए जा चुके हैं। दो जेल वार्डर समेत सात लोगों को जेल भेजा जा चुका है। नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह को भी निलंबित किया गया है। शशिकांत सिंह के पास डीआईजी जेल का भी चार्ज था। शनिवार रात अधिकारियों ने नैनी जेल में छापेमारी की थी। छापेमारी में आपत्तिजनक वस्तुओं और कार्य में शिथिलता पाई गई थी। बता दें कि नैनी सेंट्रल जेल में माफिया अतीक अहमद के गुर्गे बंद हैं। उत्तर प्रदेश को झकझोर देने वाला उमेश पाल हत्याकांड के तार बरेली सेंट्रल जेल में बंद अशरफ से जुड़े पाए गए हैं। प्रयागराज पुलिस ने अशरफ को उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद मिले इनपुट के आधार पर बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर डीआईजी जेल आरएन पांडेय को जांच सौंपी गई थी। जांच में सामने आया कि जेल में अशरफ से उसके गुर्गों की मुलाकात बिना पर्ची के कराई जाती थी। उसे वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई जाती thi।  डीआईजी जेल की जांच रिपोर्ट पर पर्यवेक्षणीय अधिकारी जेलर राजीव कुमार मिश्रा, मुलाकात अधिकारी डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह और पांच वार्डरों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इनमें दो वार्डर को जेल भी भेजा गया है। इसके बाद से जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई थी। शासन ने मंगलवार को जेल अधीक्षक पद से राजीव शुक्ला को भी निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से जेल स्टाफ में खलबली मची है। जेल प्रकरण की जांच के लिए स्थानीय स्तर पर सीओ आशीष प्रताप सिंह के नेतृत्व में एसआईटी भी गठित की गई। एसआईटी की जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि जेल के जिस हिस्से में अशरफ घूमता था, जेल अधिकारियों ने वहां से सीसीटीवी कैमरे ही हटवा दिए थे। जेल स्टाफ की मेहरबानी से अशरफ अपने अहाते के बाहर भी टहलता था और दूसरे बंदियों से मुलाकात करता था। अशरफ ने जेल में रहते हुए बरेली में अपने गुर्गों का नेटवर्क तैयार कर लिया था।
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