चित्रकूट की रगौली जेल में पत्नी के साथ घर की तरह पूरे ऐशो आराम के साथ रहता था विधायक अब्बास अंसारी

चित्रकूट की रगौली जेल में पत्नी के साथ घर की तरह पूरे ऐशो आराम के साथ रहता था विधायक अब्बास अंसारी

केएमबी रानू शुक्ला

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट की रगौली जिला जेल को योगी सरकार सबसे सुरक्षित मानकर बाहुबलियों और माफियाओं को भेजती है, लेकिन विधायक अब्बास अंसारी के मामले ने रगौली जेल की पोल खोल दी है।जेल में दो माह से बंद अब्बास कई दिनों से पत्नी के साथ घर की तरह रह रहा था। शुक्रवार शाम को जिला प्रशासन को जब इसकी गोपनीय सूचना मिली तो डीएम और एसपी ने छापेमारी की। प्रशासन का दावा है कि विधायक बैरक में नहीं था। जिस अधिकारी के कमरे में उसकी पत्नी मिली, उसमें भी वह नहीं मिला। बताया जाता है कि छापे की भनक लगते ही कुछ देर पहले ही वह कमरे से सिपाही की मदद से बाहर आ गया था। जिस कमरे में विधायक की पत्नी थी, उसमें बाहर से ताला लगा था। सूत्रों की मानें तो यह खेल कई दिनों से चल रहा था। शासन ने सुरक्षा की दृष्टि से विधायक अब्बास अंसारी को उसके गृह जनपद मऊ से लगभग 400 किलोमीटर दूर रगौली जेल में रखा है, जिससे जेल में उससे ज्यादा लोग न मिल सकें। किसी तरह की अशांति न होने पाए। इसके बाद भी आए दिन उनसे मिलने कोई न कोई आता था। इनकी रिकार्ड में लिखित रूप से मिलाई होती थी। निकहत बानो जेल के अंदर आकर रिश्तेदारों से विधायक की मोबाइल फोन से बात भी कराती थी। आरोप है कि यहीं से जेल से पति को भगाने और कई लोगों से रंगदारी वसूली की धमकी भी दिलाई जाती थी। विधायक की पत्नी ही एक हफ्ते से जेल में मिलाई करने जाती थी, लेकिन आगंतुक रजिस्टर में उसका नाम दर्ज नहीं है। हैरत की बात यह है कि आए दिन निरीक्षण करने वाले अफसरों को भी इसकी भनक नहीं लगी। शुक्रवार को जब पोल खुली तो प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और जेल के अंदर जाकर मामले का खुलासा किया। जेल के रजिस्टर और अन्य सामग्री को डीआईजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने कब्जे में लिया है। रगौली जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत बानो अंसारी व अन्य रिश्तेदारों ने कर्वी में किराए के मकान में एक माह से डेरा डाल रखा था। मकान को आठ हजार रुपये महीने पर लिया था। मकान मालिक ने बताया कि उसे यह नहीं मालूम था कि ये विधायक अब्बास अंसारी के परिजन हैं। उसे बताया गया था कि उनके रिश्तेदार जेल में बंद हैं और उनसे मिलने के लिए किसी न किसी को अक्सर आना पड़ता है। इसलिए मकान किराये पर लिया है। डीएम अभिषेक आनंद और एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि जिस मकान पर यह सब किराए पर रहते थे, उसकी पहचान कर ली गई है। उससे भी पूछताछ की जा रही है। जिले में अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है जो इनकी मदद करते थे। कुछ लोगों की पहचान भी हो गई है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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