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ज्वलनशील पदार्थ डालकर महिला को जलाने के आरोपी पति-पत्नी को दस-दस वर्ष का कारावास एवं 70 हजार का अर्थदंड

ज्वलनशील पदार्थ डालकर महिला को जलाने के आरोपी पति-पत्नी को दस-दस वर्ष का कारावास एवं 70 हजार का अर्थदंड

केएमबी जगन्नाथ मिश्र

सुलतानपुर। जमीनीं विवाद को लेकर करीब आठ वर्ष पूर्व महिला पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर माचिस की तीली से आग लगाकर गंभीर रूप से घायल करने वाले आरोपी पति-पत्नी को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम इंतेखाब आलम की अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी पति-पत्नी को 10- 10 वर्ष के कारावास एवं 35- 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामला बल्दीराय थाना क्षेत्र के ब्राहिमपुर गांव से जुड़ा है, जहां की रहने वाली तारावती पत्नी तुलसीदास ने आठ अप्रैल 2015 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसके पट्टीदार रामइंदर सऊदी अरब में रहते थे,जो कि काफी पैसे वाले व दबंग व्यक्ति है। आरोप के मुताबिक अपनी हैसियत का गलत इस्तेमाल कर अभियोगिनी के घर के पीछे की जमीन कब्जा करने के विवाद में अभियोगिनी को अकेला देखकर शाम करीब साढ़े छह बजे पीछे से आकर आरोपी रामइंदर व अन्जू ने उसका मुंह दबाकर पकड़ लिया और इंद्रावती ने हाथ में लिए ज्वलनशील पदार्थ से भरी हुई शीशी से उसके ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डाल दिया और जयकुमार ने माचिस की तीली जलाकर तारावती को जला दिया। जिसके बाद जल रही तारावती की चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग दौड़े व किसी तरीके से आग बुझाई गई। घटना में तारावती काफी झुलस गई थी,जिसकी काफी इलाज के बाद जान बच सकी। इस मामले में विवेचक ने अपनी तफ्तीश पूरी कर आरोपी रामइंदर और उसकी पत्नी इंद्रावती के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया। मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को रखते हुए आरोपियों को बेकसूर साबित करने का भरसक प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता वेदप्रकाश ने आरोपियों को ही घटना का जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें दोषी करार देकर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश इंतेखाब आलम ने आरोपी पति-पत्नी को दोषी करार देते हुए उन्हें दस-दस वर्ष के कारावास एवं उन्हें कुल 70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की धनराशि को अदालत ने प्रतिकर के रूप में पीड़ित पक्ष को देने का आदेश पारित किया है।
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