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माफिया ब्रदर्स हत्याकांड: असद के संपर्क में था अतीक-अशरफ की हत्यारा अरुण, चौंकाने वाला तथ्य आया सामने

माफिया ब्रदर्स हत्याकांड: असद के संपर्क में था अतीक-अशरफ की हत्यारा अरुण, चौंकाने वाला तथ्य आया सामने
प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को काॅल्विन अस्पताल के गेट पर पुलिस कस्टडी में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी।अब अतीक -अशरफ हत्याकांड की परतें खुलने लगी हैं।हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।हत्याकांड में शामिल अरुण मौर्य शेर-ए-अतीक व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ा था। यह ग्रुप अतीक के बेटे असद ने खुद बनाया था। इस व्हाट्सएप ग्रुप में प्रयागराज के अलावा कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सुल्तानपुर, कानपुर सहित यूपी के 20 से ज्यादा जिलों के साथ ही दूसरे प्रदेशों के भी तमाम लोग जुड़े थे।

इस ग्रुप में अरुण मौर्य भी था।बरहाल बाद में अरुण ग्रुप से लेफ्ट हो गया था।अरुण के ग्रुप से जुड़ने का मतलब है कि अरुण और असद की जान पहचान पहले से ही थी। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अरुण काफी समय तक इस ग्रुप से जुड़ा था और सक्रिय भागीदारी निभा रहा था।अरुण ग्रुप से क्यों लेफ्ट हुआ इसकी पूछताछ की जा रही है। 

बता दें कि प्रयागराज का पुराना शहर माफिया अतीक अहमद का गढ़ था।यहां अतीक की खिलाफत कर कोई चैन से नहीं रह सकता था,चाहे वो कितना भी बड़ा व्यापारी, अधिकारी या राजनेता ही क्यों न हो। यहां अतीक के तमाम मददगार और करीबी रहते हैं जो उसके लिए काम करते थे।माफिया अतीक के गढ़ में ही उसे ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर मौत की नींद सुलाने वाले लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह के बारे में रोज नई सूचनाएं सामने आ रही हैं। 

शेर ए अतीक ग्रुप माफिया अतीक अहमद के महिमामंडन के लिए बनाया गया था। इस वॉट्सएप ग्रुप में ऐसे वीडियो और फोटो शेयर किए जाते थे, जिसमें अतीक के बादशाहत की दास्तां बताई जाती थी। उसके दहशत और लोकप्रियता के बारे में वीडियो और फोटो के माध्यम से बताया जाता था। ऐसी ही कई वीडियो-फोटो इस ग्रुप में जुड़कर अतीक के हत्यारे अरुण मौर्य ने भी देखी होंगी, हो सकता है कि अतीक जैसा बनने की प्रेरणा उसे इसी ग्रुप से मिली हो। बरहाल बाद में अरुण मौर्य ने ये वॉट्सएप ग्रुप छोड़ दिया और गैंग 90 नाम के दूसरे वॉट्सएप ग्रुप से जुड़ गया। ये सारी जानकारी SIT के हाथ लग गई हैं। 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस की पूछताछ में अरुण मौर्य ने बताया कि झांसी में एनकाउंटर में मारे गए अतीक अहमद के बेटे असद के शेर-ए-अतीक ग्रुप से वह जुड़ा था। बाद में वह इससे अलग हो गया।
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