सर्व आदिवासी समाज के द्वारा लखनादौन मे मणिपुर हिंसा के विरोध में चल रहा मौन आंदोलन
सिवनी। जिले के आदिवासी ब्लॉक लखनादौन में रानी दुर्गावती चोंक में मणिपुर हिंसा के विरोध मे मौन आंदोलन चल रहा है, बिरसा बिर्गेड ऑल इंडिया इंडिजिनियस स्टूडेंट्स फेडरेशन, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता झनकूलाल कमरे जी ने आंदोलन के माध्यम से के कहा कि आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराने, सामूहिक बलात्कार, हत्या के विरोध में एवम मध्यप्रदेश के सतना जिले के शारदा माता मंदिर के पुजारियों के द्वारा 11वर्षीय मासूम आदिवासी बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार और गुप्तांग में लकड़ी डाला ऐसे हैवान-निंदनीय कुकृत, गन्दा, और सर्मनाक-और दर्दनाक घटना को अंजाम देने वाले एवम ऐसी सरकार के ऊपर शर्म आती है जो ऐसे गद्दारो बलात्कारियों को तो जल्द से जल्द फाँसी होना चाहिए ।उनको संरक्षण देने वाले के विरोद में आदिवासी समाज के एवम देश की किसी भी धर्म-सम्प्रदाय-के साथ होने वाली घटनाओं के विरोध में आदिवासी समाज महिलाओं के सम्मान ऒर अधिकार बचाने के लिए निरंतर दिनाँक 23 जुलाई 2023 से अनिश्चित मोन, धरना प्रदर्शन आंदोलन में बैठे --देश के युवा समाजसेवी -आदिवासी शेर अधिवक्ता देवसिंग कुमरे-दादा बीरसिंग कुमरे-दादा पंचम लाल धुर्वे-हीरा धुर्वे-पूर्व सरपंच संघ अध्यक्ष दादा पुनाराम उईके , लीलचंद सल्लाम सहित सभी सामाजिक कार्यकर्ता गण शामिल हुये, देश व समाज की आन-बान-शान-सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए लड़ने वाले सभी कार्यकर्ताओं जाबाज सिपाहियो को देश व समाज सलाम-जोहार-वंदन ओर संघर्ष करने के लिए प्रेरित करता है।
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