समितियों में डीएपी उपलब्ध नैनो यूरिया व डीएपी तरल बना किसानों के लिए जंजाल

समितियों में डीएपी उपलब्ध नैनो यूरिया व डीएपी तरल बना किसानों के लिए जंजाल

  केएमबी शिव कुमार दुबे 
सुल्तानपुर। दूबेपुर की साधन सहकारी समितियों पर डीएपी खाद तो उपलब्ध है, लेकिन साथ मंहगे दाम की एक नैनो यूरिया या नैनो डीएपी तरल लेने की बाध्यता किसान त्रस्त हैं। दूबेपुर क्षेत्र के साधन सहकारी समिति पर डीएपी खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। साधन सहकारी समिति भाईं के सचिव अजादार हुसैन ने जानकारी दी कि 1360 रुपये में डीएपी की एक बोरी खाद दी जा रही है, लेकिन एक बोरी खाद लेने पर आधा लीटर की नैनो यूरिया या डीएपी की तरल बोतल लेना किसानों के लिए अनिवार्य है। एक नैनो तरल यूरिया के बोतल की कीमत 225 रुपये व एक नैनो तरल डीएपी की कीमत 600 रुपये है। जबकि किसानों का कहना है कि समितियों द्वारा जबरदस्ती नैनो बोतल दी जा रही है, जिसकी फिलहाल खेतों में कोई जरूरत नहीं है। समिति संचालकों का कहना है कि एक ट्रक डीएपी के साथ 24 शीशी वाले दो डिब्बे जबरदस्ती दिये जाते हैं, जबकि किसान इस नैनो यूरिया या डीएपी तरल की बोतल लेने से साफ इंकार कर रहे हैं। इस समय भाईं साधन सहकारी समिति में पर्याप्त मात्रा में बोतल यूरिया तरल का स्टोर है। जबकि दूबेपुर साधन सहकारी समिति में भी पर्याप्त मात्रा में नैनो तरल की बोतल पड़ी हुई है। नैनो तरल यूरिया की बोतल किसानों और समिति संचालकों के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
किसानों ने बताई नैनो यूरिया व डीएपी की समस्या
भाईं में डीएपी वितरण केंद्र पर पहुंचे आशीष मिश्रा नाम के किसान ने बताया कि नैनो यूरिया से समस्या आ रही है। टेक्निकल जमाने में नैनो यूरिया व डीएपी का छिड़काव काफी परेशानी भरा है। आशीष मिश्रा की तरह ही डीएपी का बैग लेने आए आरजू नाम के किसान ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती नैनो यूरिया या डीएपी की बोतल दी जा रही है। आरजू ने बताया कि पिछली साल उन्होंने नैनो यूरिया ट्राई करके देखा था लेकिन फसल में कोई फर्क दिखाई नहीं दिया। इसलिए नैनो यूरिया लेने से कोई लाभ नहीं है। इसके साथ ही नैनो यूरिया को छिड़कने में परेशानी भी आती है, मशीन मांगनी पड़ती है और फिर मशीन की मदद से छिड़काव करना पड़ता है। लेकिन नैनो यूरिया से कोई फायदा नहीं है तो हम नैनो यूरिया की बोतल क्यों खरीदें?
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