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श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के छठवें दिन रुक्मणी विवाह प्रसंग में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के छठवें दिन रुक्मणी विवाह प्रसंग में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

केएमबी ब्यूरो रानू शुक्ला

बांदा। जिले के ग्राम मुंगुस तिंदवारी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के छठवें दिवस के अवसर पर आचार्य पंडित विनोद जी शुक्ल ने कहा कि श्रीमद्भागवत परमहंसों की संहिता है। कथा के श्रवण मात्र से जीव की मृत्यु मंगलमय बन जाती है एवं हृदय में श्री कृष्ण का साक्षात्कार प्राप्त हो जाता है। जीव के सूक्ष्म देशों का समान कर करिए संहिता श्री कृष्ण की गोदी प्रदान करती है। हमें ईश्वर का दिन में कम से कम दो-चार बार धन्यवाद जरूर करना चाहिए क्योंकि इस जीवन में हमें जो कुछ इस जीवन में मिला है क्या हम उसके लायक थे लेकिन धन्य है प्रभु की करुणा। इस दया सिंधु भक्त वत्सल ने हमें हमारी औकात से भी ज्यादा बहुत कुछ दिया है। जो जीवन में हमें प्राप्त हुआ इसी को पर्याप्त मानने वाला ही परम संतोषी जीवन मुक्त प्राणी होता है। आचार्य पंडित विनोद जी शुक्ला बांदा जिला के सुवि ख्यात कथा वाचक ज्ञान की पराकाष्ठा से ग्राम मुंगुस पर चल रही छठवें दिवस की कथा पर भक्तों का मन मोह लिया तथा रुक्मणी विवाह का प्रसंग चल रहा था ऐसा लग रहा था मानो साक्षात भगवान का विवाह हो रहा है एवं कथा के माध्यम से भक्तों को बहुत प्रकार से ज्ञान की बातें बताई। कर्म धर्म ज्ञान एवं विचारणिक बातों का ज्ञान कराया बाद में भगवान की मंगल आरती करा कर कथा को विश्राम किया। यह कथा रामेश्वर लक्ष्मी नारायण नवल किशोर जागेश्वर सत्यनारायण लालू गौरी शंकर आदि परिवार के पितरों के पुण्य स्मृति में चल रही है।
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