शासकीय महाविद्यालय कुरई में राष्ट्र गीत वंदे मातरम् के मूल पाठ के पूर्ण गायन का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित

शासकीय महाविद्यालय कुरई में राष्ट्र गीत वंदे मातरम् के मूल पाठ के पूर्ण गायन का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित

केएमबी नीरज डेहरिया 
सिवनी। शासकीय महाविद्यालय कुरई में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के मूल पाठ का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रो पवन सोनिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र गीत वंदे मातरम् की रचना बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने की। यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीयों में एकता ,साहस और आजादी की लहर जगाने वाला प्रमुख गीत बन गया। डॉ नितिंका रघुवंशी ने बताया कि वंदे मातरम् का अर्थ है मां मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं।बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत और बांग्ला मिश्रित भाषा में रचित यह गीत 1882 में उनके उपन्यास आनंद मठ में प्रकाशित हुआ था। यह गीत स्वतंत्रता की लड़ाई में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया था।यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि मां भारती के प्रति समर्पण, साहस और एकता का प्रतीक है।जिस स्वर ने आज़ादी के आंदोलन में लाखों दिलों को जोड़ा, वह आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है। प्रो पंकज गहरवार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को राष्ट्र गीत के रूप में अपनाया। कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति की भावना की भावना के साथ साथ वंदे मातरम् के शुद्ध उच्चारण एवं भावपूर्ण गायन से परिचित कराना रहा। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे लगाए। इस अवसर पर कॉलेज में वंदे मातरम् का महत्व एवं योगदान पर निबंध और नारा लेखन प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। आयोजन के दौरान प्रो पंकज गहरवार, प्रो पवन सोनिक, प्रो जेपी मरावी, डॉ भवानी सिंह डॉ नितिंका रघुवंशी, प्रो जेपी मरावी, डॉ तीजेश्वरी पारधी, डॉ राजेंद्र कटरे इत्यादि की उपस्थिति रही। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में स्नेहा बरमैया, योगिता ठाकुर, रिमिता शर्मा, अश्विनी खरे, पलक ठाकुर, हर्षिता, आशीष इत्यादि का योगदान रहा।
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