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लेखपाल की कमी से जूझ रहा मुख्यमंत्री का शहर गोरखपुर

लेखपाल की कमी से जूझ रहा मुख्यमंत्री का शहर  गोरखपुर

केएमबी राजन चौधरी

गोरखपुर। सरकार की योजनाओं,जमीन विवाद, राजस्व आदि जैसे कई कार्यों में लेखपालों की सीधी भूमिका होती है। लेकिन वर्तमान में गोरखपुर समेत प्रदेश के तमाम जिलों में लेखपालों की कमी है। हर जिले में लेखपाल के पद रिक्त हैं। इसका असर यह हो रहा है कि जमीनी विवादों के निस्तारण में देरी हो रही है। तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिलने में देरी हो रही है। जमीनों की पैमाइश का काम भी लटका पड़ा है। कई जगहों पर लेखपालों के उपर दोहरी जिम्मेदारी है। गोरखपुर में 36 प्रतिशत लेखपालों की कमी है। सरकारी डाटे के अनुसार गोरखपुर जिले में ही 36 प्रतिशत लेखपालों की कमी है। गोरखपुर में लेखपालों के 879 पद हैं। लेकिन यहां तैनाती सिर्फ 563 लेखपालों की ही है। यानि लेखपालों के 316 पद रिक्त हैं। 64.05 प्रतिशत लेखपाल ही तैनात हैं। 
लेखपालों की कमी से कई जमीन विवाद, ​लटके हैं। या फिर विवादों के निस्तारण में लंबा समय लगता है। वहीं आय, जाति, निवास, योजनाओं के लाभार्थियों की जांच सहित अन्य कामों में भी देरी होती है। इस संबंध में डीएम कृष्णा करूणेश से बात करने के लिए दो बार फोन किया गया लेकिन फोन उनके पीआरओ ने उठाया और बात नहीं हो सकी।
लेखपाल जाति आय निवास सहित शासन द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं परियोजनाओं के निस्तारण करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है लेखपाल द्वारा सभी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की जांच करना, जिससे यह तय होता है कि लाभार्थी पात्र है या अपात्र।
आय, जाति  और निवास प्रमाण पत्र बनने में लेखपाल जांच कर रिपोर्ट लगाता है आईजीआरएस, थाना दिवस, तहसील दिवस सहित अन्य दफ्तरों में आने वाले जमीन विवाद से संबंधित मामलों में रिपोर्ट लगाना और जांच कर आख्या देना।जमीनों की पैमाइश, नक्शे के नकल देने का काम करना।राजस्व संबंधी सभी काम में लेखपाल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है
गोरखपुर में आईजीआरएस, थाना दिवस, तहसील दिवस समेत तमाम दफ्तरों में रोज 100 से ज्यादा मामले जमीन विवाद के आते हैं। वहीं इसके अलावा आय, जाति, निवास के भी सैकड़ों आवेदन आते हैं। ऐसे में लेखपालों की कमी की वजह से इनके निस्तारण में देरी होती है या फिर ये मामले लटके रहते हैं। सदर तहसील में स्वीकृत  195 की जगह 144 लेखपाल कार्य कर रहे हैं 51 पद रिक्त पड़े हुये है सहजनवा तहसील में 88 पद स्वीकृत हैं 63 लेखपाल कार्य कर रहे हैं 25 लेखपालों की रिक्त जगह है खजनी तहसील में 158 स्वीकृत पदों में 84 लेखपाल कार्यरत हैं 74 लेखपालों की रिक्त जगह है बांसगांव तहसील में 118 स्वीकृत  पद हैं 68 लेखपाल कार्य कर रहे हैं 50 रिक्त स्थान है गोला तहसील में 151 स्वीकृत पद है 92 लेखपाल कार्य कर रहे हैं 59  लेखपालों की जगह खाली है चौरीचौरा तहसील में 83 लेखपाल की स्वीकृत पद है 61 लेखपाल कार्यरत हैं 22 रिक्त जगह है खजनी तहसील में 86 लेखपालों की जगह स्वीकृत है 51 लेखपाल कार्यरत है 35 की जगह खाली है। गोरखपुर जनपद में 879 लेखपालों की स्वीकृत  हैं  लेकिन 563 लेखपाल ही विभिन्न तहसीलों में अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुई सेवा दे रहे हैं 316 लेखपालों की जगह रिक्त पड़ी हुई है अगर इन 316 लेखपालों की जगह को भर दिया जाए तो लेखपालों की कमी महसूस नहीं की जाएगी और फरियादियों की समस्याओं का निस्तारण त्वरित गति से निस्तारण हो सकेगा और शासन द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओ का लाभ पात्र लाभार्थियों के पास समय-समय पर पहुंचता रहेगा  लेखपालों की कमी से शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं को समय से निस्तारण करने में भी प्रशासन को दिक्कतों का सामना उठाना पड़ता है और शासन द्वारा चलाई जा रही महत्वकांक्षी योजना का लाभ  पात्र लाभार्थियों तक  समय से नहीं पहुंच पाता है और आम जनमानस को इधर-उधर भटकना पड़ रहा।

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