भगवान श्रीराम के जन्म प्रसंग का अयोध्या के कलाकारों द्वारा किया गया मंचन

भगवान श्रीराम के जन्म प्रसंग का अयोध्या के कलाकारों द्वारा किया गया मंचन

केएमबी मोहम्मद अफसर

सुल्तानपुर। संत तुलसीदास उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामलीला मैदान में श्रीराम लीला ट्रस्ट समिति द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव के चौथे दिन भगवान श्रीराम जन्म प्रसंग का अयोध्या के कलाकारों द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से मंचन किया गया।किस प्रकार राजा दशरथ पुत्र न होने की कारण दु:खी थे। ऋषियों के सलाह पर पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ किया तथा यज्ञ के खीर को तीनों रानियों को देते हैं। समय आने पर भगवान विष्णु माता कौशल्या के पुत्र के रूप में प्रकट होते हैं।रामचरितमानस के बालकांड में लिखा है- "भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी। लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुजचारी। भूषन बनमाला नयन बिसाला शोभा सिंधु खरारी।भगवान के दिव्य रूप को देखकर की माता कौशल्या भगवान से कहती हैं कि मैं आपको पुत्र रूप में मांगा था। आप तो मेरे पिता के रूप में आ गए हैं। इसलिए आप इस रूप को छोड़कर बाल रूप में आइए माता के कहने पर भगवान विष्णु बाल रूप में आ करके रोना प्रारंभ कर देते हैं। कैकेयी के एक पुत्र तथा सुमित्रा के दो पुत्र उत्पन्न होते हैं। गुरु वशिष्ठ पहले पुत्र का नाम राम दूसरे पुत्र का नाम भरत तीसरे पुत्र का नाम लक्ष्मण तथा चौथे पुत्र का नाम शत्रुघ्न रखते हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी, डॉ० अरविंद चतुर्वेदी, सुषमा मिश्रा, साधना मिश्रा, संगीता सिंह, सतीश त्रिपाठी एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा भगवान का पूजन वंदन व आरती कर के प्रसंग का शुभारंभ किया गया।कार्यक्रम के व्यवस्थापक हरिब्रत मिश्रा द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र भेंट किया गया।
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