सुल्तानपुर में इस बार मनाया जाएगा दुर्गा पूजा महोत्सव का 50 वां वर्ष
सुल्तानपुर। यूं तो दुर्गापूजा का आयोजन पूरे मुल्क में होता है लेकिन सुलतानपुर की दुर्गा पूजा का अपना एक अलग ही मुकाम है। कोलकाता के बाद अगर दुर्गापूजा की कहीं धूम है तो वह है सुलतानपुर। खास बात यह कि जहां पूरे भारत में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन दशमी को हो जाता है वहीं सुलतानपुर में विसर्जन इसके पांच दिन बाद यानी पूर्णिमा को होता है। सबसे अलग यहां की खास बात है यहां की गंगा जमुनी तहजीब। दूसरे इलाकों में जहां तनाव की खबरें सुनाई देती हैं वहीं यहां सभी धर्मों के लोग इस ऐतिहासिक उत्सव को मिल जुल कर मनाते हैं। शायद यही वजह है कि पिछले 6 दशकों से चली आ रही इस अनोखी परम्परा ने इसे खास और ऐतिहासिक बना दिया है लेकिन, इस बार कुछ अंदाज में सुल्तानपुर में मनाया जाएगा दुर्गा पूजा महोत्सव। यह हम नहीं पूजा समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश बजरंगी ने कहा। वही इस बारे में जब एनटीटी भारत की टीम मूर्तिकार राजेंद्र पाल के पास पहुंची उन्होंने बताया इस बार देवी प्रतिमाएं कम हो गई हैं। कहां दो से ढाई ढाई सौ प्रतिमाएं बनती थी अब 70 80 पर आ गई और जो देवी प्रतिमाएं का आकार था और थोड़ा बड़ा कर दिया गया है। कहा जाता है कि अगर दुर्गा पूजा देखना हो तो हमारे सुल्तानपुर आइए। मंदिरों का रूप लिये जगह-जगह बन रहे पंडाल और पंडालों में स्थापित हो रहीं अलग अलग रूपों की प्रतिमायें बरबस आपको अपनी ओर खींच लेंगी। शहर की कोई गली कोई कोना बाकी नही जहां इस ऐतिहासिक उत्सव के लिये तैयारियां न चल रही हो।
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