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स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम पर जिले में धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं अवैध पैथोलॉजी

स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम पर जिले में धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं अवैध पैथोलॉजी

केएमबी रुखसार अहमद
  सुल्तानपुर। जिला अस्पताल के मशहूर डॉक्टरों के रहमों करम पर फल फूल रहा है जिले में अवैध पैथोलॉजी का धंधा। जी हां हम बात कर रहे हैं जिला चिकित्सालय के नामी-गिरामी चिकित्सकों का जिनके यहां ओपीडी के समय उनके ओपीडी कक्ष में बाहर के लोगों का बैठना आज भी नहीं बंद हो रहा है। ये अनाधिकृत व्यक्ति मरीजों के खून एवं पेशाब आदि का सिंपल लेकर अपनी पैथोलॉजी में जांच के लिए ले जाते हैं, जिनकी पैथोलॉजी का न तो डिग्री का पता होता है और न ही रजिस्ट्रेशन का, जिसकी शिकायत जिले के सीएमएस व सीएमओ से लेकर जिलाधिकारी तक की गई लेकिन इन नामी-गिरामी चिकित्सकों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हो रहा है। जिला अस्पताल के उच्चाधिकारियों के कानों तक या तो यह शिकायत पहुंची नहीं या वह जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं या फिर इन डॉक्टरों के सामने अस्पताल प्रशासन के उच्च अधिकारी लाचार हैं जिसकी वजह से जिला चिकित्सालय में आए दूरदराज के गरीब मजदूर असहाय मरीजों को अवैध रूप से चल रहे पैथोलॉजी संचालकों के जाल में मजबूरन फसना पड़ता है जहां मरीजों से मनमानी रकम वसूली जाती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस रकम में से मोटा कमीशन डॉक्टरों को भी जाता है। पैथोलॉजी के कारोबार में दिन-ब-दिन इजाफा होता जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य महकमा अवैध रूप से संचालित पैथोलॉजी व नर्सिंग होम पर शिकंजा कसने में बेबस नजर आ रहा है। बताते चलें की जिले में अवैध पैथोलॉजी के साथ-साथ बड़ी संख्या में अवैध रूप से नर्सिंग होम भी संचालित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कुल 84 नर्सिंग होम ही स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड है जबकि पूरे जिले भर में शहर से लेकर देहात तक काफी बड़ी संख्या में नर्सिंग होम भी चलाए जा रहे हैं। फिलहाल जिला अस्पताल के हाल बदहाल है। जिला अस्पताल के चिकित्सकों पर सीएमएस और सीएमओ का कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसी स्थिति में दूरदराज क्षेत्रों से इलाज के लिए आ रहे मरीजों का दोहन होना लाजमी है।
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