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वर्षों बाद जिला अस्पताल में शुरू हुई नाक, कान व गले की सर्जरी

वर्षों बाद जिला अस्पताल में शुरू हुई नाक, कान व गले की सर्जरी

केएमबी मोहम्मद अफसर

सुलतानपुर। पिछले लंबे समय से जिला अस्पताल में नाक, कान और गले के रोग की सर्जरी बंद थी। कई संविदा के नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डाक्टर आए और गए लेकिन जिले के उन मरीजो को आपरेशन का लाभ नही मिल सका जिसके चलते नाक, कान, गला रोग से ग्रसित मरीजो को प्राइवेट डाक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा था। साथ ही उन्हें अच्छा खासा पैसा खर्च करना पड़ता था। विकल्प न होने के कारण गरीब मरीजो़ को सेठ, साहूकारो का मुंह देखना पड़ता था और आखिर में आपरेशन के लिए कर्ज का बोझ उठाना पड़ता था, लेकिन अब इस समस्या का स्थाई हल निकल गया। सरकारी अस्पताल को एक उम्दा ईएनटी सर्जन के रूप में डाॅ.आदित्य नारायन तिवारी मिल गए है जिन्होंने अपने सर्जरी का हुनर दिखाना शुरू कर दिया है और जिसका सीधे गरीबो को लाभ नि:शुल्क आपरेशन के रूप में मिल रहा है। बताते चले की पूर्व में डाॅ.एएन तिवारी जिला अस्पताल में बतौर ईएनटी सर्जन तैनात रहे लेकिन बाद में वो (एम्स दिल्ली) चले गए। लंबे समय तक एम्स में सेवाएं देने के बाद पुनः जिला चिकित्सालय में तैनाती के बाद से सर्जरी विभाग पर काम करते रहें और आज नाक, कान व गले के आपरेशन के लिए लोगों को आसानी से सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई। इस संबध में मुख्य चिकित्साधिक्षक डाॅ.एससी कौशल ने बताया की जबसे वह जिला अस्पताल में बतौर सीएमएस आये हैं ईएनटी सर्जरी को लेकर लगातार प्रयास कर रहा थे। ऐसे में अस्पताल को डाॅ.एएन तिवारी ईएनटी सर्जन मिल गए जिसके चलते समस्या का समाधान मिल गया। डाॅ.कौशल ने बताया कि अब अस्पताल की इमरजेंसी ओटी में प्रत्येक बुद्ववार को डाॅ.आदित्य नारायन तिवारी द्वारा सर्जरी की जा रही है, बाकी के दिनों में उनके द्वारा ओपीडी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि डाॅ.तिवारी के द्वारा की जा रही सर्जरी का प्रतिशत शत-प्रतिशत सफल हो रहा है। वहीं ईएनटी सर्जन डाॅ.एन एन तिवारी से बात करने पर उन्होंने मुख्य चिकित्साधिक्षक की तारीफ करते हुए कहाकि सीएमएस साहब के सहयोग से ही नाक, कान और गले की सर्जरी जिला चिकित्सालय में प्रारंभ हो सकी है। आने वाले समय में ओटी सप्ताह में और बढा़ई जा सकती है, साथ ही डाॅ.एएन तिवारी ने नाक, कान, गले के रोग से ग्रसित मरीजों से अपील करते हुए कहा है की आपरेशन के लिए मरीज सीधे आएं, किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं हैं। अस्पताल में ये सुविधा नि:शुल्क दी जा रही है।
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