आखिरकार मुर्दे को राशन खिलाने वाले कोटेदार के कोटे को एसडीएम ने किया निरस्त
केएमबी रूकसार अहमद
सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के विकासखंड जयसिंहपुर में एक गांव ऐसा है जहां का कोटेदार मुर्दों को भी राशन खिलाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत गणेशपुर कैथौली की जहां बीते कई सालों से कोटेदार अशफाक द्वारा अपनी मृतक पत्नी का राशन आहरण किया जा रहा था। मामले की शिकायत बीते अक्टूबर माह 2022 में गांव के ही शोएब खान द्वारा सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी, व जिला पूर्ति अधिकारी से की गई थी। शिकायतकर्ता ने कोटेदार पर आरोप लगाया था कि कोटेदार अपनी मृतक पत्नी के नाम का राशन लेने के साथ-साथ राशन वितरण के वक्त घटतौली भी करता है तथा दुकान निर्धारित समय पर नहीं खोलता है और कोटेदार द्वारा लोगों से अभद्रता भी की जाती है। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार प्रकरण की जांच जिला पूर्ति विभाग द्वारा कराई गई तो शिकायतकर्ता की शिकायत सत्य पाई गई। जांच उपरांत उप जिलाधिकारी जयसिंहपुर द्वारा अशफाक कोटेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस के जवाब में कोटेदार द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया। कोटेदार द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का परीक्षण क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी द्वारा किया गया। परीक्षण के दौरान कोटेदार द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक न पाए जाने के कारण उप जिलाधिकारी जयसिंहपुर द्वारा कोटेदार का अनुबंध पत्र निरस्त कर दिया गया और जनहित में अशफाक अहमद की निरस्त उचित दर विक्रेता ग्राम पंचायत गणेशपुर कैथौली की दुकान से संबद्ध समस्त राशन कार्ड यूनिटों को उसी ग्राम पंचायत में स्थित द्वितीय उचित दर विक्रेता मोहम्मद खालिद की उचित दर दुकान से अस्थाई रूप से संबंध करते हुए मोहम्मद खालिद को निर्देशित किया गया कि अशफाक की निरस्त की गई दुकान पर उपलब्ध अवशेष खाद्यान के साथ समस्त आवश्यक वस्तुओं का उठान एवं वितरण करना सुनिश्चित करें। उप जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन करते हुए आज 1 जनवरी 2023 को बचा हुआ राशन संबद्ध किए गए कोटेदार द्वारा वितरण किया गया। अब सवाल यह भी उठता है कि पिछले कई सालों से क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक की सांठगांठ से कोटेदार अशफाक सरकारी राशन मुर्दे को खिला रहा था लेकिन इसकी भनक पूर्ति विभाग को क्यों नहीं लगी? अगर इसी तरह प्रदेश में मुर्दे राशन खाते रहे तो गरीब जनता का क्या होगा यह बड़ा सवाल है। यदि जनपद स्तर पर ऐसे मामलों की जांच कराई जाए तो सरकारी राशन का दुरुपयोग होने से रोका जा सकता है लेकिन अगर पूर्ति विभाग इसी तरह कुंभकरण की नींद सोता रहा तो गरीब जनता तक पहुंचने से पहले ही सरकारी राशन कोटेदार खाते रहेंगे।
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