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वृद्धाश्रम के निरीक्षण के दौरान जिला जज ने मधुमेह रोगियों को विशेष आहार दिए जाने का दिया निर्देश

वृद्धाश्रम के निरीक्षण के दौरान जिला जज ने मधुमेह रोगियों को विशेष आहार दिए जाने का दिया निर्देश

केएमबी ब्यूरो रानू शुक्ला

बांदा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं जिला जज एवं अध्यक्षा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बांदा कमलेश कच्छल के निर्देशन में सोमवार को दोपहर 02:00 पर वृद्धाश्रम, नरैनी रोड, पराग डेरी के सामने एमडी पुरम शर्मा भवन, बांदा का निरीक्षण अनु सक्सेना, अध्यक्ष, मॉनीटरिंग कमेटी शेल्टर होम एवं अपर जिला जज पाक्सो एक्ट बांदा, हेमन्त कुमार कुशवाहा, सदस्य एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बांदा व बी०डी० गुप्ता, सदस्य एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया।निरीक्षण के समय वृद्धाश्रम के प्रबन्धक श्याम किशोर त्रिवेदी उपस्थित मिले। उपस्थिति पंजिका के अनुसार वृद्धाश्रम में दो गार्ड सहित कुल 16 कर्मचारी नियुक्त है जिनमें 12 कर्मचारी उपस्थित मिले। प्रबन्धक द्वारा 05 रजिस्टर जिसमें संवासी पंजीकरण पंजिका, संवासी आवागमन पंजिका, संवासी उपस्थिति पंजिका, स्टाफ उपस्थिति पंजिका, विजिटर्स रजिस्टर प्रस्तुत किये। निरीक्षण के समय वृद्धाश्रम में 90 पुरुष व 23 महिलाओं सहित 113 पंजीकृत संवासियों के सापेक्ष 62 पुरुष व 16 महिला संवासी सहित कुल 78 संवासी उपस्थित है और 35 संवासी अनुपस्थित पाये गये जिन्हें प्रबन्धक द्वारा अपने घर, अस्पताल एवं निजी कार्यो से बाहर जाना बताया गया। निरीक्षण के समय वृद्धाश्रम के भूतल व प्रथम तल में कुल 105 बेड पाये गये तथा प्रबन्धक द्वारा 28 बेड स्टोर में रखा जाना बताया गया। संवासियों ने बताया कि सुबह नाश्ते में उबले चने व चाय दिया गया था। रसोईघर में दोपहर के भोजन हेतु अरहर की दाल, मिक्स सब्जी, चावल व रोटी तैयार की जा रही है। भोजन में गुणवत्ता व रसोईघर में साफ सफाई पायी गयी। मधुमेह से पीड़ित संवासियों द्वारा यह शिकायत की गयी कि उन्हें भी आम संवासियों की तरह भोजन दिया जाता है। मधुमेह से पीड़ित संवासियों के लिए कोई विशेष भोजन की व्यवस्था नही है, जिस पर समिति द्वारा प्रबन्धक को मधुमेह से पीड़ित संवासियों को विशेष भोजन दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया। संवासियो के मनोरंजन हेतु दो टीवी लगे हुए है एवं सुबह शाम भजन कीर्तन कराया जाता है। प्रबन्धक द्वारा बताया गया कि कोई भी संवासी गम्भीर बीमारी से ग्रसित नही है, संवासियों हेतु फस्ट एड किट उपलब्ध है एवं आपातकाल में संवासियों को मेडिकल कॉलेज में इलाज कराया जाता है। इसके साथ ही कोरोना बीमारी को दृष्टिगत रखते हुए नये संवासियों को जांच एवं टीकाकरण हो जाने के उपरान्त ही रजिस्टर्ड किया जाता है।
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