लेखकों के सम्मान में संपन्न हुई कवि गोष्ठी, मधुर और डॉक्टर रामप्यारे को मिली बधाइयां
जयसिंहपुर, सुल्तानपुर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में जानकी सदन, देवरार भटमई पावर हाउस, जयसिंहपुर सुल्तानपुर में एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें दो पाठ्यपुस्तक लेखकों अनिल कुमार वर्मा मधुर और डॉक्टर रामप्यारे प्रजापति को प्रशंसा कर बधाई दी गई। गोष्ठी की अध्यक्षता लोक भूषण डॉ आद्य प्रसाद सिंह प्रदीप ने किया और मुख्य अतिथि डॉ सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु, बिशिष्ट अतिथि के रूप में बाल साहित्यकार दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश मंचासीन रहे। डॉ करूणेश भट्ट ने कुशल संचालन किया तो आयोजक गौरव बर्मा ने कार्यक्रम का संयोजन किया। गोष्ठी की शुरुआत राजबहादुर राना की बाणी वंदना- कलम कला कौशल और कविता तेरे बिन वीरान है मां- से हुई। उक्त दोनों पाठ्यक्रम लेखकों ने वरिष्ठ साहित्यकारों से आशीर्वाद आप प्राप्त किया तो वही प्रदीप ने खुशी जाहिर करते हुए अंग वस्त्र प्रदान किया और माल्यार्पण कर सभी ने बधाइयां दी। बताते चलें की पाठ्य पुस्तक लेखक, शिक्षक रामरती इण्टर कालेज द्वारिका गंज सर्वेश कांत वर्मा सरल के कुशल मार्गदर्शन में दोनों लेखकों को आईसीएसई बोर्ड की हाईस्कूल की सरल हिन्दी व्याकरण पुस्तक लिखने का गौरव श्री बालाजी पब्लिकेशन के सौजन्य से प्राप्त हुआ जो शिक्षा के क्षेत्र में जनपद का नाम रोशन करता है। गोष्ठी में पुस्तक चर्चा, सुभाष जयंती, गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी के संबंध में कवियों ने कविताएं पढ़ी और साहित्य विदों ने अपना उत्कृष्ट विचार रखा। रमेशचन्द्र शर्मा नंदवंशी ने जवानी तब ही मतलब की जब जोश संग होश हो जाये। बृजेश वर्मा देश पे जो मरते हैं।अविरल कांत वर्मा ने पंखा बोल इस गर्मी में। मधुर ने अशोकाचार्य ने तुहूं एक दिन बिटिया रहिउ। ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह ने हाइकू और कांती सिंह ने हे राम फिर से आइ बचपनवां, आशुकवि श्री जटायु जी ने -कैसै महलों के गीत भला कवि गायेगा आदि भांति भांति की रचना सुनी सुनाई गई। चित्रेश, साहित्येन्दु ने ओजस्वी विचार रखा। साहित्यकार कांती सिंह को प्रशस्ति पत्र साहित्येन्दु के द्वारा प्रदान किया गया। अविरल कांत वर्मा, अनुलव कांत वर्मा, मुद्रिका वर्मा, जानकी वर्मा, कटका क्लब के अध्यक्ष सौरभ मिश्रा, मानस कंज यादव, देवी प्रसाद वर्मा, पंकज मिश्रा, अनीता वर्मा की उपस्थिति गौरवपूर्ण रही।
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