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जेसीबी ने गिराई झोपड़ी, लेखपाल ने लगाई आग, एसडीएम ने कहा- कोई बचने न पाए, मां-बेटी की मौत पर दर्ज हुई एफआईआर

जेसीबी ने गिराई झोपड़ी, लेखपाल ने लगाई आग, एसडीएम ने कहा- कोई बचने न पाए, मां-बेटी की मौत पर दर्ज हुई एफआईआर

केएमबी संवाददाता

कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में प्रशासन का तानाशाही रवैये ने दो जिंदगियों को निगल लिया।प्रशासन झोपड़ी गिराने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंचा। झोपड़ी में मौजूद मां-बेटी की परवाह तक नहीं की। उसी दौरान झोपड़ी में आग लग गई और आंखों पर पट्टी बांधे हुए अधिकारियों ने बुलडोजर चलाने का आदेश दे दिया।बुलडोजर चलने से मां-बेटी मलबे में ही दब गईं और आग के हवाले हो गईं। इस मामले में एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह, एसओ दिनेश गौतम समेत कई पुलिसकर्मियों और अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता शिवम दीक्षित के मुताबिक जिस जमीन को लेकर विवाद है।उस जमीन पर 100 साल से हमारे बुजुर्ग ने बगीचा बनाया और मां-पिता 20 साल से पक्का मकान बनाकर रहे हैं।शिवम दीक्षित ने कहा कि सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह, एसएचओ दिनेश कुमार गौतम अपने 12-15 पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे।इस दौरान मेरी मां और बहन अपनी झोपड़ी में आराम कर रही थी और वहां पर 22 बकरियां भी थी।शिवम ने कहा कि दीपक जेसीबी ड्राइवर ने सुनियोजित तरीके से फुस्स की झोपड़ी को बिना मां-पिता और बहन को सूचित किए हुए गिरा दी और लेखपाल अशोक सिंह ने आग लगा दी। इस दौरान एसडीएम मैथा ने कहा कि आग लगा दो, झोपड़ी में कोई बचने न पाए, किसी तरह मैं झोपड़ी के बाहर निकला तो एसएचओ दिनेश गौतम और पुलिसकर्मियों ने मुझे पीटा और आग में फेंकने की कोशिश की।
कानपुर देहात के रूरा थाने के मड़ौली गांव में जो झोपड़ी गिराई गई।उसमें कृष्ण गोपाल दीक्षित अपने परिवार के साथ रहते थे। कृष्ण गोपाल के खिलाफ अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी।वही कब्जा हटाने प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ पहुंची थी।बताया जाता है कि गोपाल कृष्ण और उनके परिवार का बुलडोजर दस्ते से कहासुनी हुई और फिर झोपड़े को गिरने से बचाने के लिए मां-बेटी ने खुद को उसमें बंद कर लिया। आरोप है कि बुलडोजर टीम ने पहले नल और मंदिर को गिराया और फिर छप्पर गिरा दिया, छप्पर गिरते उसमें आग लग गई।झोपड़ी में मौजूद कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला और उनकी 23 साल की बेटी नेहा की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए।आग कैसे लगी,इसका खुलासा नहीं हो पाया है,लेकिन परिवार का आरोप है कि एसडीएम के कहने पर लेखपाल ने आग लगाई थी। मृतक महिला का बड़ा बेटा शिवम बजरंग दल में सह संयोजक हैं। दर्जनों की संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए।भीड़ ने मौके से बुलडोजर टीम को खदेड़ दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने मौके पर खड़ी लेखपाल की गाड़ी को पलट दिया। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल के साथ पीएसी भी तैनात कर दी गई है। घटना की जानकारी होने पर कानपुर कमिश्नर, एडीजी, आईजी और प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला भी मौके पर पहुंच गई। बड़ा सवाल उठता है कि जब मां-बेटी ने खुद को झोपड़े में बंद कर लिया था तो फिर बुलडोजर कैसे चल गया? क्या मौके की नजाकत को समझने में बुलडोजर टीम नाकाम रही? मामला बहुत संवेदनशील है और सरकार सख्त कार्रवाई करने के मूड में है।
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