शिव प्रताप शुक्ला को राज्यपाल बनाकर भाजपा ने ब्राह्मणों में दिया बड़ा सियासी संदेश

शिव प्रताप शुक्ला को राज्यपाल बनाकर भाजपा ने ब्राह्मणों में दिया बड़ा सियासी संदेश

केएमबी ब्यूरो आनंद कुमार

गोरखपुर। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाकर 2024 लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा सियासी संदेश दिया है। शिव प्रताप की ब्राह्मण वर्ग में अच्छी पैठ है।शिव प्रताप को बड़ा पद देकर भाजपा ने पूर्वांचल के ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है। शिव प्रताप शुक्ल 50 वर्ष से राजनीति में सक्रिय हैं। शिव प्रताप की पकड़ भाजपा के अलावा आरएसएस, हिंदू संगठनों में भी है और पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा, बेदाग छवि से पार्टी शीर्ष नेतृत्व के करीब हैं।जनता में भी शिव प्रताप की अच्छी लोकप्रियता है। शिव प्रताप को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने से ब्राह्मण वर्ग में अच्छा संदेश गया है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पूर्वांचल में इसका फायदा जरूर मिलेगा।बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर इस सभी पार्टियां ब्राह्मणों को साधने में जुटी हुई हैं।बहुजन समाज पार्टी ने चुनाव में ब्राह्मणों को साधने के लिए सम्मेलन करवा रही है। समाजवादी पार्टी भी लोकसभा चुनाव पर खास ध्यान दे रही है।पूर्वांचल में ब्राह्मणों का सबसा बड़ा चेहरा पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी है। विनय शंकर तिवारी को पूर्वांचल में होने वाले सम्मेलनों में समाजवादी पार्टी ब्राह्मण चेहरे के तौर पर लाएगी। अब शिव प्रताप शुक्ल को राज्यपाल बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त सियासी मास्टर स्ट्रोक खेला है।फिलहाल इससे भारतीय जनता पार्टी को कितना फायदा होगा यह तो लोकसभा चुनाव में ही पता चलेगा, लेकिन मौजूदा समय में इसका फायदा जरूर मिला है।बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की संख्या कुल आबादी लगभग 15 फीसदी है। ब्राह्मण मतदाताओं ने जब भी एकजुट होकर वोटिंग की हैं,तब सरकार बनाने में ब्राह्मणों की भूमिका अहम रही है। साल 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम मतदाताओं को एक पाले में लाने में सफलता हासिल की थी। बहुजन समाज पार्टी ने तब 86 सीटों पर ब्राह्मणों को चुनावी मैदान उतारा था।ब्राह्मणों ने एकजुट होकर मायावती को वोट दे दिया।मायावती का सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला जबरदस्त तरीके से कामयाब रहा था। वहीं अगर पिछले तीन चुनावों की बात करें तो ब्राह्मणों का झुकाव भारतीय जनता पार्टी की तरफ रहा है। साल 2014 का लोकसभा चुनाव, साल 2017 का विधानसभा चुनाव और साल 2019 का लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ही ब्राह्मणों की पहली पसंद रही। हर बार पूर्ण बहुमत से भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई। साल 2024 में भी भारतीय जनता पार्टी जातीय संतुलन को बनाने में जुटी है। माना जा रहा है कि शिव प्रताप शुक्ल को बड़ा पद देना इसी की कड़ी है।
और नया पुराने

Ads

विज्ञापन लगवायें

अपना विज्ञापन हमें भेजें व्हाट्सएप नं० 9415968722 पर

1 / 7
2 / 7
3 / 7
4 / 7
5 / 7
6 / 7
7 / 7

Ads

अपना विज्ञापन हमें भेजें व्हाट्सएप नं० 9415968722 पर

विज्ञापन लगवायें!!! S-1

1 / 3
2 / 3
3 / 3

विज्ञापन लगवायें!!! S-2

1 / 3
2 / 3
3 / 3
Description of Image 1

विज्ञापन लगवायें!!!

Description of Image 2

Description of Image 3

نموذج الاتصال