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भाजपा को उसके ही गढ मे पटखनी दे सोनू किन्नर ने चेयरमैन की कुर्सी पर किया कब्जा

भाजपा को उसके ही गढ मे पटखनी दे सोनू किन्नर ने चेयरमैन की कुर्सी पर किया कब्जा

केएमबी संवाददाता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरी निकायों के चुनाव में भगवा लहर के बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 360 किलोमीटर दूर पूर्वांचल के चंदौली जिले का मिजाज इससे अछूता रहा। यहां की फिजां में नारा गूंज रहा था, नर है न नारी, सब पर है भारी। चुनाव भर यह नारा जोर पकड़ता रहा। शनिवार को नतीजे आए तो सभी चौंक गए। नगर निगम में भले ही भारतीय जनता पार्टी ने क्लिन स्वीप किया है, लेकिन नगर पंचायत और नगर पालिका में भाजपा को सपा और निर्दलीय प्रत्याशियों ने कड़ी टक्कर दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गृह जनपद चंदौली में दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद में भारतीय जनता पार्टी को छकाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी सोनू किन्नर ने जीत का परचम लहराया है। सोनू किन्नर ने जीत का परचम लहरा कर सभी को चौंका दिया है। भाजपा के वर्चस्व वाले जिले में एक किन्नर द्वारा भाजपा प्रत्याशी को पटखनी देकर चेयरमैन पद पर कब्जा करने की बड़ी बात मानी जा रही है।बरहाल सोनू किन्नर को यहां जीत काफी मुश्किलों के बाद मिली।चुनाव में धांधली का आऱोप लगाते हुए किन्नर समाज ने जमकर हंगामा किया था।मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए मतगणना केंद्र के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिस और सोनू किन्नर के समर्थक आपस मे भीड़ गए थे। रिकाउंटिंग के बाद सोनू ने भाजपा की मालती सोनकर को 397 वोटों के अंतर से हराया। उत्तर प्रदेश के इतिहास में 42 वर्षीय सोनू तीसरी किन्नर हैं जो किसी शहरी निकाय के प्रमुख का पद संभालने जा रही हैं।सोनू से पहले 2001 के निकाय चुनाव में गोरखपुर में किन्‍नर आशा देवी ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया था।वहीं 2006 में मिर्जापुर की अहरौरा नगर पालिका से किन्‍नर रेखा चेयरमैन बनीं। 17 वर्षों बाद यूपी में कोई किन्नर शहरी निकाय के प्रमुख का पद संभालने जा रही है। बता दें कि सोनू किन्नर का यहां तक सफर काफी दर्द भरा रहा है।सोनू किन्नर का बचपन बहुत गरीबी में गुजरा है।सोनू के पिता रामनंदन हनुमानपुर चमरौटिया में रहते थे।उनका निधन हो चुका है।पिता की मौत के बाद सोनू किन्नर ने नाच गा कर परिवार का पालन किया। 10 वर्ष की उम्र में पता चला कि सोनू सामान्य लड़की नहीं बल्कि किन्नर हैं। घर में बहुत गरीबी थी। बचपन में ही पिता की मौत के बाद घर में कोई कमाने वाला भी नहीं था। सोनू ने पैसे कमाने के लिए नाचना शुरू कर दिया। 42 साल के सोनू 25 साल पहले घर परिवार छोड़ किन्नरों की टोली में शामिल हो ग‌ई थी। गुरु गुलाब के निधन के बाद मुगलसराय नगर के नई बस्ती इलाके में स्थित किन्नर गद्दी सोनू को मिली। सोनू किन्नर अपने अच्छे व्यवहार की वजह से पूरे क्षेत्र में सबकी चहेती हैं। सोनू का स्वाभाव ही उन्हें चुनाव जिताने में सफल रहा।
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