बलिया में मौतों का सिलसिला जारी, बिगड़ रहे हालात, तीमारदार मरीजों को टांगने को मजबूर
बलिया।उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रचंड गर्मी और लू के बीच जिला अस्पताल में मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।शनिवार देर रात से लेकर सोमावर सुबह तक पांच की मौत हुई है।मौत किस कारण से हो रही है अभी यह पता नहीं है,लेकिन लू लगने की वजह से मौत की संभावना जताई जा रही है।जिला अस्पताल में हुई मौतों बड़ा के अलावा चार अन्य की भी मौत हुई है। जानकारी के मुताबिक 10 से 18 जून के बीच बलिया जिला अस्पताल में 124 लोगों की मौत हो गई। इससे शासन स्तर पर हड़कंप मचा है।लखनऊ से तीन सदस्यीय जांच टीम भी आई है। इस बीच अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला जारी है।
स्वास्थ्य महकमा मौत से संबंधित आंकड़े को छिपाना शुरू कर दिए हैं। रविवार दोपहर के बाद मौत के आधिकारिक आंकड़े नहीं दिए गए। कहा जा रहा है कि जांच टीम मामले की छानबीन कर रही है।जल्द ही रहस्य से पर्दा उठेगा। इधर जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ने के साथ तमाम समस्याएं खड़ी हो गई हैं। गम्भीर मरीजों को निजी वाहनों से लेकर पहुंच रहे परिजन स्ट्रेचर न मिलने पर मरीजों को गोद या हाथों से टांग कर इमरजेंसी कक्ष में पहुंच रहे हैं।
*जिला अस्पताल में पानी का संकट*
कर्मचारियों की कमी की वजह से वार्डों से स्ट्रेचर वापस नहीं आ रहे हैं। रविवार की सुबह अचानक पानी की सप्लाई बंद होने से खलबली मच गई।मरीज और तीमरदार पीने का पानी के लिए भटकने लगे। सबसे ज्यादा परेशानी नित्यक्रिया को लेकर हो गई। अस्पताल प्रशासन ने आनन फानन में पानी का टैंकर मंगवाया। मरीजों की भीड़ बढ़ने और स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या कम होने से तमाम परेशानियों का सामना मरीजों को करना पड़ रहा है।
*इमरजेंसी में मरीजों के पहुंचने का सिलसिला जारी, रेफर किए जा रहे*
प्रचंड गर्मी और लू के बीच जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों के पहुंचने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। दोपहर तक 100 मरीज भर्ती हुए थे। तेज बुखार, दस्त, उल्टी, सांस की परेशानी सहित आदि लक्षणों वाले मरीज अधिक आ रहे हैं। अधिकतर को रेफर किया जा रहा है। इसी लिहाज से डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सीएचसी, पीएचसी के स्वास्थ्यकर्मी भी सक्रियता दिखा रहे हैं।
*मौत के आंकड़ों को कंट्रोल करने में जुटा प्रशासन*
प्रचंड गर्मी के बीच मरीजों की हो रही मौतों से जिला प्रशासन भी सकते में है।इतनी बड़ी संख्या में मरीजों की मौत होते देख अब आंकड़ों को कंट्रोल करना शुरू कर दिया गया है। जिला अस्पताल के अधिकारी मौत के आंकड़े को बताने से बचते रहे। दबी जुबां में सिर्फ तीन से चार मौतों की पुष्टि की गई।जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे ने रविवार को लू से मौतों की आशंका को सिरे से खारिज कर दिया। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने वीडियो संदेश भी जारी किया और कहा कि लखनऊ से आई टीम मामले की छानबीन कर रही है। टीम ही मौत की असली वजह बताएगी। मौत की वजह लू बताने के कारण ही प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिवाकर सिंह पद से हटाए गए हैं।
*राह चलते रास्ते में गिरे और मौत हो गई*
भोजपुरी फिल्म निर्माता निर्देशक अजय श्रीवास्तव की माता कर्पूरी देवी (65) पत्नी अशोक श्रीवास्तव का निधन हो गया। परिजन लू लगने की आशंका जता रहे हैं। कर्पूरी देवी किसी कार्य के लिए रामपुर कानूनगोयान ग्राम स्थित घर से बाहर निकली थीं। इस दौरान गर्मी से बीमार हो गईं। तबीयत बिगड़ने पर आनन-फानन में परिजनों ने उन्हें नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।जहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार लालगंज के ओम प्रकाश तिवारी चार-पांच दिन से बैरिया तहसील जाते थे। शनिवार को तहसील से लौटने के बाद गर्मी की वजह से ओम प्रकाश की तबीयत खराब हो गई थी। आराम के बाद शाम को बाजार करने गए।रास्ते में ही गिर पड़े। कौशल तिवारी ने ओम प्रकाश को अपनी गाड़ी में सीएचसी सोनबरसा पहुंचाया।डॉक्टरों ने जिला चिकित्सालय के बाद जिला चिकित्सालय से ओम प्रकाश को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। एंबुलेंस से वाराणसी ले जाते समय रास्ते में दम तोड़़ दिया।
परिजनों के अनुसार क्षेत्र के कुंडेल ग्राम निवासी विक्रमा राजभर लू के शिकार हो गए। परिजनों ने उन्हें निजी अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। फेफना थाना क्षेत्र के बघेजी निवासी चट्टी सागरपाली से दोपहर में पैदल अपने घर जा रहे बघेजी निवासी लालबाबू सिंह (50) पुत्र स्व. सीताराम सिंह की मौत हो गई।
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