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अव्यवस्थाओं का बोलबाला खतरे में गोवंश, सीडीओ के निरीक्षण से गौशाला में हड़कंप

अव्यवस्थाओं का बोलबाला खतरे में गोवंश, सीडीओ के निरीक्षण से गौशाला में हड़कंप

 केएमवी जगन्नाथ मिश्र

बल्दीराय, सुलतानपुर। विकासखंड धनपतगंज के ग्राम सभा केवटली मैं सीडीओ अंकुर कौशिक की औचक छापेमारी से हड़कंप तो मच ही गया साथ ही प्रधान राजेश यादव की पोल परत दर परत खुलती नजर आई।मौके की स्थिति देख सी डी ओ भी भौचक्के रह गए। सीडीओ गोवंश की दुर्दशा देख बिखर पड़े। तत्काल वापस जाकर जिले की टीम डीपीआरओ अभिषेक कुमार शुक्ला को स्पष्ट निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी।    डीपीआरओ ने मौके पर पीडी करुणेश पांडे तथा पशु डॉक्टर पीके अग्रहरि को तत्काल गौशाला पहुंच कर निरीक्षण किया। आदेश मिलते ही डीपीआरओ दल बल के साथ गौशाला के केवटली ग्राम सभा पहुंच गए। पहुंचने के बाद मरणासन्न अवस्था में 8 गोवंश को देख उनके भी होश फाख्ता हो गए। तत्काल पशु डॉक्टर से संपर्क करके इनके उपचार की व्यवस्था की बात कही। डॉ पीके के पहुंचने के बाद गोवंश की हालत मरणासन्न स्थिति में देखी गई जिसमें यह पाया गया कि बीमार गोवंश चोटहिल दिखे जिन्हें समय पर चारे की शुद्ध व्यवस्था न होना तथा समय पर उपचार न होने से गोवंश मरणासन्न स्थिति में पड़े हैं जबकि  सीडीओ को यह नजारा मृत का दिखा। जब मौके पर डीपीआरओ की टीम में खंगालना शुरू किया तो पीडी जिनके पास धनपतगंज वीडियो का चार्ज भी है भड़क उठे और ग्राम प्रधान राजेश को एफआईआर कराने की नसीहत तक दे डाली और कहा कि यहां पर वह गोवशों की रहने की उचित व्यवस्था नहीं है। सारा परिसर कीचड़ और गंदगी से भरा पड़ा है। सरकार की मंशा के अनुरूप कोई कार्य नहीं मिल रहा है। यदि इस तरह का कार्य होता रहा तो आज ही आपके नाम एफ आईआर करवा दी जाएगी। इसको पहले बताना चाहिए जब गोवंशों को इतनी परेशानी हुई तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को देना चाहिए था। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आप के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।डीपीआरओ अभिषेक शुक्ला शुक्ला के साथ परियोजना अधिकारी एवं प्रभारी बीडीओ धनपतगंज, पशु डॉक्टर पीके अग्रहरि धनपतगंज, ग्राम सभा सचिव शिव प्रसाद वर्मा तथा एडीओ पंचायत धनपतगंज प्रेम लाल यादव मौजूद रहे। बताते चलें गौशाला  में 227 गोवंश रक्षित हैं, जिसमें 96 मादा 131 मौजूद हैं। चारे की कमी से मरणासन्न स्थिति तथा इलाज के अभाव में दुर्दशा के शिकार हो रहे हैं। इस गौशाला में 5 केयरटेकर भी मौजूद हैं जिनकी देखरेख में भी गोवंशों का बुरा हाल है। यदि यही स्थिति रही तो शासन की मंशा कहीं न कहीं तार-तार होती दिखाई पड़ रही है जो गौशाला संरक्षक अथवा ग्राम प्रधान की मनमानी और लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है।
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