क्षत्रिय भवन में मनाया गया विश्व हिंदू परिषद का स्थापना दिवस

क्षत्रिय भवन में मनाया गया विश्व हिंदू परिषद का स्थापना दिवस

केएमबी ब्यूरो

सुल्तानपुर। विश्व हिन्दू परिषद का स्थापना दिवस समारोह एमजीएस प्रांगण स्थित क्षत्रिय भवन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता दिवाकर क्षेत्रीय सत्संग प्रमुख पूर्वी उत्तर प्रदेश, मुख्य अतिथि डॉ  कविंद्र प्रताप सिंह पूर्व आईजी एवं प्रांत अध्यक्ष, विभाग अध्यक्ष नागेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष प्रोफेसर निशा सिंह स्वामी, राम प्रपन्नाचार्य द्वारा भगवान राम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलनसे हुआ। तत्पश्चात तीन बार ओम का उच्चारण किया गया एवं एकात्म मंत्र गाकर कार्यक्रम का औपचारिक शुरुआत हुई। इसके बाद अतिथियों को अंग वस्त्र एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। विभाग अध्यक्ष नागेंद्र सिंह ने अतिथियों का परिचय कराया और सभी का स्वागत किया उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को एक सूत्र में बांधने के उद्देश्य से विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई, ताकि हिंदू हितों की रक्षा की जा सके। मुख्य वक्ता क्षेत्रीय सत्संग प्रमुख पूर्वी उत्तर प्रदेश दिवाकर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा हम धरा को जमीं का टुकड़ा नहीं जीवंत भारत माता मानते हैं। विश्व में जो भी ज्ञान है वह हमारे पूर्वजों ने दिया है चाहे वह चिकित्सा शास्त्र हो चाहे अर्थशास्त्र हो या ज्ञान विज्ञान हो। भारत ने दुनिया को राह दिखाई। जिन विचारों सपनों को संजोकर नौजवानों ने फांसी के फंदे पर झूल गए, उनके सपने आजादी के बाद भी आज फलीभूत नहीं हो रहे थे।आजादी के बाद हिंदू समाज दुरावस्था में था। ऐसे  में एक संगठन की आवश्यकता महसूस हुई। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद की स्थापना 29 अगस्त 1964 को हुई। 1966 के प्रथम विश्व हिंदू सम्मेलन में प्रमुख संतों को एक मंच पर लाया गया। विखंडित हिंदू समाज को एक करने की आवश्यकता है। संस्कृति जागरण एवं दीक्षा का कार्यक्रम प्रारंभ करके हिंदुओं में चेतना जगाई जा रही है। ज्योति से ज्योति जलाकर श्रीराम की ज्योति से दीपावली मनाई जा रही है।परिषद ने राम सेतु की रक्षा की गोवंश रोका। 100 लाख स्थान पर सेवा कार्य किया जा रहा है। जो हिंदू धर्म से बरगला कर अन्य धर्म में गए थे उन्हें अपने धर्म में वापस लाने का कार्य भी किया जा रहा है। आज 100 देश में हमारे संपर्क हैं। 43 देश में विश्व हिंदू परिषद की समितियां कार्य कर रही हैं। विश्व हिन्दू परिषद का युवा संगठन बजरंग दल हिंदू हितों की रक्षा का कार्य करने में जुटा है। भारत माता को डायन कहने वाले लोग अभी भी कम नहीं हैं। हिंदू हितों की रक्षा विश्व हिंदू परिषद के द्वारा करने का संकल्प लिया गया है। इसे सक्रिय सशक्त एवं मजबूत बनाने की आवश्यकता है। प्रांत अध्यक्ष डॉ कविंद प्रताप सिंह ने कहा कि अन्याय के विरुद्ध न्याय की स्थापना करनी है। कौरवों के विरुद्ध पांडवों की मदद करनी है। हिंदू समाज के लिए चुनौती पहले से कम नहीं है। जाति व्यवस्था से ऊपर उठकर हिंदू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है। सनातन धर्म को समाप्त करने वाले लोग संकीर्णता से ग्रसित हैं। हम एक हैं, इस भावना से बढ़ाने की आवश्यकता है। विज्ञान तकनीकी के बल पर हिंदुस्तान दुनिया पर राज कर सकता है। हमें बड़ी यात्रा तय करनी है। जाति के बंधन को तोड़कर आगे बढ़ाना है। हम सब में ईश्वर का अंश देखते हैं। सनातन दर्शन दुनिया का श्रेष्ठ दर्शन है। विकसित समाज में जीना है तो पुरानी परंपराओं में आस्था रखती होगी। भारत के अंदर भारत की सोच खत्म कर समृद्ध भारत बनाना होगा। सभी की इज्जत सभी का सम्मान करना होगा। आगे बढ़ने वालों की टांग खींचना छोड़ हमें उनकी मदद करनी होगी। व्यापार शिक्षा बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत की तरक्की युवाओं पर निर्भर है। हमें प्रकृति से प्यार करना होगा। अपने लगन से कार्य करें। परंपरा से लगाव रखें। हमें हमारे परंपराओं मूल्यों को जीने की आवश्यकता है। धन्यवाद ज्ञापन करने के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रोफेसर निशा सिंह ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने सनातन की विखंडित परंपराओं को एक सूत्र में बांधा है। समाज की विखंडित होती समरसता को हमें फिर से समरसता में परिवर्तित करना होगा। हमें भारत के कीर्ति ध्वज पताका फिर से लहरानी है। हमारे आदर्श राम है तो हम वहां रामराज्य लाने को प्रयासरत हैं। मनीषियों के नेतृत्व से हमें गौरवित हो सकते हैं। हमें अभी अनंत चुनौतियों का सामना करना है इसलिए एकजुट होने की आवश्यकता। हिंदू एक जीवंत जीवन शैली है। हम सब एकीकृत हो समरस समाज की स्थापना करें। देश का मुसलमान मूलतः भारतीय है। भारतीयता ही उसकी पहचान है। हमें विवेक को जागृत करने की आवश्यकता है। हम ज्ञानवान, समृद्ध और संस्कारवान बने। तुष्टीकरण से समाज को बचाने की आवश्यकता है। हम स्वाधीन बने।एक देश में एक कानून आवश्यक है।हम सचेत हो निष्ठावान हो अपने संस्कार और धर्म के प्रति आस्था रखें। हम गुलाब मानसिकता में न जिए। पाश्चात्य सोच एवं विचारों को अपने से प्रभावित को न होने दें। हम संगठित होकर कार्य करें । हम लोगों को एक होने की आवश्यकता है। हिंदू धर्म वैज्ञानिक एवं प्रतिवादी है। हमें समाज को जगाने का कार्य करना है। स्वामी राम प्रपन्नाचार्य ने कहा कि हमें एकजुट होकर भारत का निर्माण करना है। हम एक होकर अनेक समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन सोहनलाल जिला मंत्री ने किया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष दिवाकर, विभाग संयोजक सुशील, जिला संयोजक गौरव पाण्डेय, जिला सह संयोजक प्रांजल सिंह, नगर अध्यक्ष दीपक आर्य, दुर्गा वाहिनी संयोजिका नेहा शर्मा, जिला संगठन मंत्री सत्येंद्र, सच्चिदानंद, नगर पालिका के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, अजय जायसवाल, एमजीएस प्रबंधक डॉ विनोद सिंह, डॉ संतोष अंश, दिलीप सिंह, समर बहादुर सिंह, अशोक सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
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