डॉक्टर तिवारी हत्याकांड: पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचा पैतृक गांव, अंतिम संस्कार करने से इनकार
सुल्तानपुर। बीते शनिवार को जमीनी विवाद में डॉक्टर घनश्याम तिवारी की भाजपा नेता के भतीजे अजय नारायण ने पीट-पीटकर मरणासन्न अवस्था में ई रिक्शा से उनके घर भेज दिया था। गंभीर हालत में परिजनों द्वारा जिला अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के पश्चात डाक्टर तिवारी का शव उनके पैतृक गांव पहुंचने पर कोहराम मच गया है और परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से साफ इनकार कर दिया जबकि जिला प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार के लिए मान मनव्वल जारी है। हत्या के बाद से बेशकीमती जमीनों पर हो रहे कब्जे की याद जिला प्रशासन को आ गई है जबकि नगर व इससे सटे गांवो में जमीन खरीदने के बाद कब्जा न मिलना आम बात है। प्रापर्टी डीलर राजस्व लेखपालों की सह पर जबरन कीमत से अधिक कई बार अवैध वसूली करते है। नजूल जमीन तो अफीम के भाव बिक रही है। धड़ल्ले से निर्माण चल रहा है। खैर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को इस हत्या के बाद कुछ दिनों के लिए कुंभकर्णी नींद टूट गई है। देखना होगा कि सही भूमाफिया चिन्हित होते है और उनके चंगुल से जमीन को मुक्त करा बैनामा धारकों के कब्जे में मिलती है या कागजो पर चिन्हित भूमाफिया के इर्द गिर्द गणेश परिक्रमा होगी। बहरहाल दोपहर में पीएम के बाद डॉक्टर के शव को परिजनों को सौंप दिया गया था। शव लेकर परिजन गांव पहुंचे है। ग्रामीणों व परिजनों में हत्यारो व पुलिस के खिलाफ आक्रोश दिखा। अंतिम संस्कार न करने पर अड़े रहे। क्षेत्रीय विधायक सीताराम व एसडीएम लंभुआ, एसडीएम सदर, सीओ मनाने पर जुटे है। सूत्रो की माने तो परिवारी जन देर शाम तक इस बात पर अड़े है कि सीएम या डिप्टी सीएम आयेंगे तभी अंतिम संस्कार होगा। 24 घंटे बाद भी पुलिस की गठित टीम के हाथ खाली हैं। अंतिम संस्कार में शामिल होने युका अध्यक्ष वरुण मिश्र भी अपनी टीम के साथ पहुंचे है। सुबह विधायक राज प्रसाद उपाध्याय भी गए थे।
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