भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंसी दुबेपुर ब्लॉक की ग्रामपंचायत लोहरामऊ
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति फेल होती नजर आ रही है। पंचायती राज विभाग में हर स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को ग्राम प्रधान, सचिव एवं एडीओ पंचायत धता बता रहे। जी हां बात कर रहे हैं दुबेपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत लोहरामऊ की जहां पर प्रधान एवं सेक्रेटरी के गठजोड़ ने भ्रष्टाचार का नया अध्याय लिख दिया है। एक तरफ 2024 का चुनाव सर पर है तो दूसरी तरफ पंचायती राज विभाग के हुक्मरान मुख्यमंत्री की मंशा को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। यदि इसी तरह से मुख्यमंत्री की मंशा को पलीता लगता रहा तो आगामी 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की नैया कैसे लगेगी पर बड़ा सवाल है! दुबेपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत लोहरामऊ में 13 मई 2023 को पंचायत भवन एवं सार्वजनिक स्थलों पर सीमेंटेड कुर्सी स्थापना हेतु 191590 रुपए भुगतान किया गया लेकिन ग्राम पंचायत में पड़ताल की गई तो परत दर परत ग्राम पंचायत में किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुलती चली गई, पड़ताल के दौरान ग्राम पंचायत सचिवालय के बाहर एक भी सीमेंटेड कुर्सी नहीं देखने को मिली। इससे स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत एवं सचिव ने गठजोड़ कर सरकारी धन का बंदर वाट किया है। यही नहीं ग्राम पंचायत में आए हुए विकास के धन का यदि सूक्ष्मता से जांच की जाए तो और भी बड़े घपले सामने आएंगे। बात की जाए सामुदायिक शौचालय की तो यहां की स्थिति और भी दयनीय देखने को मिली, शौचालय में न तो एक टोटी है, न तो मग दिखा और न ही बाल्टी, न साबुन देखने को मिला। शौचालय के ऊपर रखी हुई पानी की टंकी मात्र शो पीस बनी हुई है। सामुदायिक शौचालय की दयनीय दशा को देखकर स्पष्ट है कि लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में स्वच्छ भारत मिशन की प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना की भी धज्जियां उड़ रही हैं। इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा प्रकरण गंभीर है जांच कराकर संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी प्रकरण में प्रभावी कार्यवाही करते हैं या प्रतिकूल प्रविष्टि देकर मामले को रफा दफा कर देते हैं।
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