पंचायत सहायकों ने उठाई स्थायी नियुक्ति व गैर-विभागीय काम न करने की मांग, सौपा ज्ञापन
मुसाफिरखाना, अमेठी: खण्ड विकास अधिकारी ब्लाक मुसाफिरखाना को शनिवार 23 दिसंबर को पंचायत सहायकों के शोषण व प्रताड़ित करने के विरुद्ध ज्ञापन सौपा गया। पंचायत सहायको की नियुक्ति डाटा इन्द्री ऑपरेटर के पद पर 6000/- प्रति माह संविदा कर्मचारी के रूप में हुई थी। जिसमें निर्देशित किया गया था कि पंचायत सहायको को डाटा इन्ट्री कार्यालय (डाटा इन्ट्री ऑपरेटर) के रूप में पंचायत में कार्य करना है। वर्तमान समय स्थिति यह है कि प्रत्येक विभाग का कार्य , स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, समाज कल्याण विभाग आदि का कार्य करने के लिए मानसिक रुप से प्रताड़ित करके कार्य करवाया जा रहा है। जो कि पंचायत सहायक करने में असमर्थ है, जितना सक्षम थे उतना कार्य जैसे की पेंशन केवाईसी ,पीएम केवाईसी, आयुष्मान कार्ड, शौचालय सर्वे, नल सर्वे, बीएलओ, बीएलई जनसेवा केन्द्र एमओपी यूपी आदि किया गया। परन्तु दिनांक 19 दिसम्बर की मीटिंग में राजस्व सम्बन्धित कार्य क्रॉप सर्वे जो पूर्व में लेखपाल के द्वारा किया जा रहा था वह कार्य जबरन पंचायत सहायको के ऊपर थोपा जा रहा है आज ऐसी स्थिति हो चुकी है कि हर पंचायत सहायक नौकरी छोड़ने पर विवश हो चुके है क्योकि 6000 ₹ मानदेय में हर विभाग के कार्य से पंचायत सहायक के आने वाले भविष्य की पढाई (प्रतियोगी परीक्षाओं को तैयारी) बाधित हो रही है अतः पंचायत सहायकों ने सक्षम अधिकारी से अनुरोध किया है कि समस्त पंचायत सहायक गैर विभागीय कार्य करने में असमर्थ है अन्यथा विभाग के अतिरिक्त अगर अन्य कोई भी कार्य करवाना है तो स्थायी नियुक्ति करें। जिससे पंचायत सहायक अपनी पूर्ण क्षमता के साथ विभाग को अपनी सेवाएं प्रदान कर सके। अन्यथा पंचायती राज विभाग के अलावा अन्य विभाग का कार्य लिया जाएगा तब सब पंचायत सहायक त्याग पत्र देते हुए इच्छामृत्यु की मांग करेंगे। पंचायत सहायकों की माँगे जो निम्नवत है : 1. समस्त पंचायत सहायको को स्थायी नियुक्ति कर, कम से कम चतुर्थ श्रेणी का राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। 2. जिस अनुबंध के तहत पंचायत सहायक नियुक्ति हुई थी उसके अतिरिक्त कोई भी अन्य कार्य न करवाया जाय। 3. क्रॉप सर्वे का दबाव बना कर मानसिक रूप से प्रताड़ित न किया जाए। अपनी मांगो को ज्ञापन में 41 पंचायत सहायकों की उपस्थिति व हस्ताक्षर के साथ एकजुट होकर खण्ड विकास अधिकारी ब्लाक मुसाफिरखाना को सौपा गया।