सर्वसमाज के तत्वधान में बरघाट में घटित अमानवीय घटना के विरोध में विशाल जन आंदोलन

सर्वसमाज के तत्वधान में बरघाट में घटित अमानवीय घटना के विरोध में विशाल जन आंदोलन

विजय सूर्यवंशी परिवार सहित सभी आरोपियों के हौसले बुलंद

केएमबी ब्यूरो विनोद मरकाम सिवनी। विजय और उसके परिवार के द्वारा आदिवासी परिवार के साथ किया अमानवीय शर्मसार घटना का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। विजय सूर्यवंशी और उसके परिवार वालों ने जल्लाद की भूमिका निभाते हुए गरीब और लाचार संतोष काकोडिया आदिवासी युवक पर कैंची, प्रिंचिस, लात, जूते और डंडों से मारा उसकी बदन की चमड़ी नाखून और गुप्तांग की चमड़ी खींचकर प्रताड़ना दिए, उसे बंधक बनाया, आदिवासी युवक की सास और पत्नी को भी बंधक बनाया, आदिवासी युवक की 14 एकड जमीन को अपने नाम करने के लिए किसी अन्य आदिवासी का सहारा लेकर एग्रीमेंट भी करवा लिया। जब यह बात पुलिस तक पहुंची तो पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए 7 लोगों के खिलाफ मामला बनाकर विजय सूर्यवंशी को गिरफ्तार किया, बाकी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। ऐसे में इन सामंतवादी पूंजीपति जल्लाद कमजोरों की संपत्ति हड़पने वाले ब्याज का धंधा करने वाले भू माफिया आदिवासियों की जमीनों पर डाका डालने वाले विजय सूर्यवंशी के परिवार को आङे हाथ लेते हुए आदिवासी समाज ने सर्व समाज ने हवन करते हुए हल्ला बोला था। प्रशासन को ज्ञापन भी सोपे है, ज्ञापन सोपते वक्त विजय सूर्यवंशी और उसके परिवार की सारी भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। घटना से आक्रोशित लोगों ने रोड पर उतरकर विजय सूर्यवंशी और उसके परिवार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। बरघाट के व्यापारी खुलकर सामने नहीं आ सकते थे तो अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनों से अनुरोध किया है कि कड़ाई बरती जाए और शीघ्र अति शीघ्र बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाए। आदिवासी समाज के बंद के आह्वान पर बरघाट की व्यापारियों ने अपना मूल समर्थन देते हुए अपने प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से पूर्ण कालिक दिनभर बंद रखा जिससे यह बात तो स्पष्ट हो गई कि क्षेत्र में रहने के कारण भले ही उनके खिलाफ बोल नहीं सकते पर उन्हें पसंद कोई नहीं करता, केवल उनके दबंगता के कारण चुप रहते हैं। व्यापारियों के बंद प्रतिष्ठान देखकर यह तो एहसास हो गया की विजय सूर्यवंशी और उसे उसके परिवार को बरघाट के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं। बरघाट नगर में जिस तरह का अपराध हुआ है सभ्य समाज में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसलिए उपरोक्त आरोपियों की जमानत न हो इस संबंध में आदिवासी सर्व समाज जनसमूह द्वारा जब ज्ञापन सोपा गया। उस वक्त राजस्व अधिकारी ने ज्ञापन पढ़ने के बाद यह बात माइक से कही कि ज्ञापन में लिखी बातों पर अमल किया जाएगा। अगर उन्हें पता कम जमीन का मिला है तो सीमांकन कराकर उनकी जमीन नपाई जाएगी और अवैध रूप से किया कब्जे पर बुलडोजर भी चलाया जाएगा। ऐसा आसवाशन देते हुए राजस्व अधिकारी ने जल्द से जल्द कार्यवाही करने की बात कही। मगर अभी तक प्रदेश में जिस तरह से बुलडोजर कार्यवाही होती रही है, ऐसा कुछ बरघाट में हुए अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर कार्यवाही नहीं हो रही। सामंतवादी और पूंजीपति होने का रुतबा दिखाने वाले विजय सूर्यवंशी और उसके परिवार के अवैध निर्माण पर प्रशासन का बुलडोजर कब चलेगा या इन अपराधियों पर सत्ता प्रशासन का आशीर्वाद बना रहेगा, इसी बात की ओर सभी की नज़रें टिकी हुई है।
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