श्रीमद्भागवत पुराण के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के साथ हुआ भागवत कथा का समापन

श्रीमद्भागवत पुराण के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के साथ हुआ भागवत कथा का समापन

केएमबी शिवकुमार दुबे
सुल्तानपुर। सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत पूरे वैसी भाईं में चल रहे भागवत कथा के विश्राम दिवस पर आचार्य शिव प्रसाद त्रिपाठी ने भागवत कथा के अंतर्गत सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा - भगवान कृष्ण ने अपने पुराने सखा जो दीन हीन हाल में थे। उनके चरण पखार कर चावल का रसास्वादन किया। तीन मुट्‌ठी चावल के बदले तीन लोकों का राज्य देने का मन बना लिया था। मित्रता में एक दूसरे का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई छोटा बड़ा नहीं होता। सत्ता पाकर व्यक्ति को घमंड नहीं करना चाहिए। उसे श्रीकृष्ण जैसा विनम्रता व उदारता का आचरण अपनाना चाहिए। जो इंसान श्रीकृष्ण के जैसा आचरण अपना लेता है। वह संसार के मोह माया से पूरी तरह त्याग कर देता है। इस अवसर पर यजमान हरि प्रसाद मिश्रा, रमेश मिश्रा, महेश मिश्रा, गणेश मिश्रा, अखिलेश मिश्रा, रितेश, देव प्रकाश भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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