वाराणसी जिला कारागार अधीक्षक के विरुद्ध पत्रकार एवं अधिवक्ता हुए लामबंद, जेल डीजी से कर सकते हैं मुलाकात

वाराणसी जिला कारागार अधीक्षक के विरुद्ध पत्रकार एवं अधिवक्ता हुए लामबंद, जेल डीजी से कर सकते हैं मुलाकात
*कई सूत्रीय मांगों को लेकर जल्द ही सस्पेंड और मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने के मामले में अधिवक्ताओं व पत्रकारों का जेल के बाहर होगा धरना प्रदर्शन*
                                                   
                                                   
विषय ;--प्रधानमन्त्री जी संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जिला कारागार में हो रहे भ्रस्टाचार के सम्बन्ध में | 

महोदय,निवेदन है की प्रार्थी प्रह्लाद गुप्ता पुत्र शंकर लाल गुप्ता पता डी37/96 बड़ादेव वाराणसी व अधिवक्ता शैलेन्द्र पांडेय पुत्र श्री मिथलेश पांडेय हाल पता ग्राम पोस्ट धरहरा जनपद चंदौली उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ| प्रार्थी निम्नलिखित निवेदन करता है की | 

(.1) यह है की जब भी कोई विचाराधीन बन्दी/सिद्धदोष बन्दी न्यायिक अभिरक्षा में जेल में दाखिल किया जाता है उस वक्त उपरोक्त बंदियों को जिला कारागार वाराणसी की बैरक नंबर 10 जो जेल भाषा में आमदनी बैरक कहा जाता है | 

(.2) यह है की जेल मैनुअल हिसाब से किसी भी विचाराधीन बन्दी को कारागार में किसी भी प्रकार का श्रम/कार्य नहीं करवाया जा सकता है 

(.3) यह है की जेल मैनुअल के हिसाब से सिद्धदोष बंदियों को श्रम/कार्य करवाया जा सकता है| 

(4)  यह है की जिला कारागार वाराणसी में जेल अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह द्वारा अपना  खुद का जेल मैनुअल बनाया गया है| जिसमे विचाराधीन बंदियों /सिद्धदोष बंदियों से कार्य ना करने के लिए बंदियों की आर्थिक स्थिति के हिसाब से उसमे भी कम से कम प्रत्येक विचाराधीन बन्दी को मात्र 1600/-रूपये,सिद्धदोष बन्दी को 2200/-रूपये मात्र देना पड़ेगा| और जो बन्दी इस मैनुअल का पालन नहीं करेगा वो जेल मे अधीक्षक         के आदेश  पर कहीं भी कार्य में लगा दिया जायेगा| जिससे वह परेशान होकर इस मैनुअल  मानने पर मजबूर          होगा और जो बहुत ही गरीब होगा वो वहाँ कार्य करता रहेगा
(.5)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के आधार पर जिला कारागार वाराणसी में एक सिद्धदोष बन्दी रामसूरत बिन्द को गांजे का ठेका दिया गया है और उसको आदेश है की वो  जेल के  किसी भी बैरक में खुलेआम गाजे का अवैध काला कारोबार कर सकता है|और इसके बदले में  सिद्धदोष  बन्दी रामसूरत बिन्द अधीक्षक महोदय को 2.5 लाख रूपये प्रतिमाह अदा करता है। (.6)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में  कैंटीन का भी ठेका सिद्धदोष बन्दी संजय को दिया गया है और उसको आदेशित किया गया है की जेल के अंदर पान गुटखा सिगरेट बीड़ी सुरती मनचाही सब्जी रोटी पुलाओ पूड़ी पराठा किसी भी तरह का कोल्ड्रिंक बाटी चोखा दूध दही रबड़ी समोसा टिक्की काली चाय मिठाइयाँ काफी बर्गर कोई भी चाइनीज आइटम बन्दी के इक्षा अनुसार बन्दी को दिया जाए और प्रत्येक वस्तु का दाम बन्दी से वसूला जाये| और इसके बदले में सिद्धदोष बन्दी संजय द्वारा अधीक्षक को 80,000/--हजार रूपये प्रतिदिन के हिसाब से अदा किया जाता है| 
 
(.7)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में                बन्दियों के परिजनों स मुलाक़ात दो बैच में कराई जाती है| जिस बन्दी की पहली बैच में मुलाक़ात आयी और             उसको यदि अपने परिजनों से ज्यादा समय मुलाक़ात करनी है तो वह बन्दी 250/--रूपये देकर दूसरी                   मुलाक़ात लगातार हो सकता है| जिसमे बन्दी को आधा घंटा समय अतिरिक्त मिल जाता है| इसका ठेका 14 नंबर के राइटरों के पास होता है जो इसका हिसाब प्रतिदिन अधीक्षक महोदय को देते है| 

(.8)यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में 
बन्दियों को अपने परिजनो से बात करने के लिये पीसीओ की सुविधा दी जाती है| और प्रत्येक बन्दी से प्रत्येक  बन्दी की आर्थिक स्थिति देखकर उससे उसका फोन चालु कराने के नाम पर बन्दियों से 100/- रुपए से 2000/--हजार रूपये तक लिये जाते है इसका ठेका अधीक्षक महोदय द्वारा सिद्धदोष बन्दी को दिया गया है 
और इसके बदले में सिद्धदोष बन्दी द्वारा अधीक्षक महोदय को 1  लाख रुपया प्रतिमाह अदा किया जाता है| 

(.9 )  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में              कुल बैरक संख्या पुरुष वार्ड में (17) है| अधीक्षक महोदय द्वारा प्रत्येक बैरक में एक बैरक राइटर नियुक्त है| 
और प्रत्येक राइटर इस नियुक्ति के समय 30000/-हजार रूपये पहली बार देता है| और फिर प्रतिमाह बैरक राइटर को 5-5 हजार रूपये प्रतिमाह देना पड़ता है | और राइटरों को इसके बदले में आदेश प्राप्त होता है की किसी भी विचाराधीन बन्दी/सिद्धदोष बन्दी का रात्रि पहरा लगाने के नाम पर,बंदियों को सुलाने के नाम पर मनचाहा धन वसूली कर सकते है| 

(.10)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में  
किसी बन्दी की यदि कोई पेशी अधीक्षक महोदय के समक्ष होती है| तो उसका तत्काल प्रभाव से दौरा खोल दिया जाता है और वह दौरा तबतक नहीं रुकता है जबतक बन्दी के द्वारा किसी राइटर के माध्यम से 15 से 20 हजार रूपये अधीक्षक तक नहीं पहुंचाये जाते है| 

(.11)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में 
बन्दियों को जो सरकारी भोजन भंडारे से दिया जाता है वह इतने निम्न ईस्रतर का होता है की जिसको पशु भी खाना पसंद नहीं करेंगे और इतना निम्न अस्तर का भोजन इसलिए दिया जाता है की जिला कारागर वाराणसी में जो कैंटीन ठेके पर अधीक्षक महोदय द्वारा दी गयी है उसकी बिक्री पर कोई प्रभाव ना पड़े 

(.12)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में 
यदि कोई बन्दी कितना भी बीमार हो जाये या बिमारी से तड़पता रहे उस बन्दी को उपचार हेतु बाहर                    अस्पताल इलाज कराने हेतु नहीं भेजा जाता है जबतक की वो बन्दी अस्पताल गार्ड के नाम पर कम से कम 5000/--रूपये अधीक्षक महोदय को अदा ना करदे चाहे भले ही उसकी मौत क्यों न हो जाये| और इस पराक्रम में कई बन्दी अपनी जान गवा चुके है| और बाद में उनकी मौत का कारण हार्ड अटैक दिखाकर जेल के बहार अस्पताल ले जाते समय दर्शाया  जाता है| 

अतः -- श्रीमान जी से विनम्र निवेदन है की प्रार्थी ऐसे भ्रस्टाचारी अधीक्षक महोदय पर तत्काल जाँच अधीक्षक महोदय के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की कृपा करें पूर्व में भी अधीक्षक महोदय के खिलाफ कई शिकायती प्रार्थना पत्र अलग पीड़ितों के द्वारा दिये जा चुके है| परन्तु अधीक्षक महोदय की दबंगता इतनी अधिक है की अधीक्षक महोदय द्वारा प्रत्येक बार जाँच  अधिकारी को अच्छा ख़ासा लोभलाभ देकर मामले को दबा दिया जाता है| 


दिनाँक - 23/11/2024                                                                                                   


प्रार्थी:--प्रह्लाद गुप्ता                 
                                                                                                             
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           
                                                                                                                                             प्रतिलिपि :--

* मा. मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायलय (प्रयागराज उत्तर प्रदेश )
* मा. प्रधानमन्त्री कार्यालय (नई दिल्ली )
* मा. केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार (नई दिल्ली )
* मा. केंद्रीय कानून मंत्रालय (नई दिल्ली )
* मा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (नई दिल्ली )
* मा. राजयपाल लखनऊ उत्तर प्रदेश 
* मा. मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार (लखनऊ उत्तर प्रदेश )
* मा. कारागार मन्त्री उत्तर प्रदेश सरकार (लखनऊ )
* मा. प्रमुख सचिव कारागार ( लखनऊ उत्तर प्रदेश )
* मा. महानिदेशक कारागार (उत्तर प्रदेश लखनऊ )
* मा. वाराणसी /चंदौली जिला सत्र न्यायाधीश 
*  मा. जिलाधिकारी  वाराणसी /चंदौली
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