जगदीशपुर के चर्चित तिहरे हत्याकांड के 14 आरोपी हुए बरी, नहीं मिले सबूत, 27 साल बाद आया फैसला

जगदीशपुर के चर्चित तिहरे हत्याकांड के 14 आरोपी हुए बरी, नहीं मिले सबूत, 27 साल बाद आया फैसला

केएमबी खुर्शीद अहमद

 जगदीशपुर अमेठी अमेठी में 27 साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड में अमेठी के कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, अपर जिला जज (ए डीजे) संतोष कुमार ने साकछ के अभाव में मंगलवार को 14 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया, मामला 7 मार्च 1997 का है जब दिन दहाड़े फायरिंग कर तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी घटना सुबह करीब 9:00 बजे की है पालपुर (तब सुल्तानपुर) निवासी श्रीकांत उर्फ श्यामू श्रीवास्तव ने उसी दिन जगदीशपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी उन्होंने बताया कि वह इंडिगोगल्फ फैक्ट्री में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में अपने भाई कमलकांत और अन्य साथियों के साथ जा रहे थे उनके काफिले में कार और जीप थी, जिनमें कई लोग सवार थे जहां जाफरगंज धर्म कांटा के पास सड़क पर एक ट्रक टाटा सुमो और मारुति जिप्सी खड़ी कर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया था, अचानक पूरे बुद्धू निवासी मोहम्मद नईम और उनके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी, आरोपियों में नईम के साथ उनके पिता मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद अयूब،कय्यूम वासिक, नासिर, जुबेर, अतीक, इरशाद, रामलाल, इंदर, मोहम्मद उमर, जगदीश, बालमुकुंद राकेश रमेश तिवारी बृजेश, कासिम, और विजय अवस्थी, शामिल थे, हमलावरों की अंधाधुंध फायरिंग से लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे सड़क पर आतंक का माहौल हो गया कमलकांत सुरेश उर्फ पहाड़ी और अजय वर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, मौके पर पहुंची पुलिस ने अतीक, रामलाल, और इंदल, को असलहा समेत गिरफ्तार कर लिया गया,चार वाहन भी बरामद किए गए, इस मामले में अभियोजन पक्ष में 6 गवाह और बचाव पक्ष में आठ गवाह पेश किए गए, इसमें अभियोजन अपना मुकदमा साबित नहीं कर पाया, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा सबूत के अभाव में 14 मुलजिमान को बाइज्जत बरी कर दिया, केस में नामित रहे पांच लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें बचाव पक्षी से एडवोकेट सुरेंद्र उपाध्याय, एडवोकेट अमजद दुल्लाह अंसारी, अभियोजन से एडवोकेट वेद प्रकाश रहे,
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