महाकुंभ के अमृत स्नान के लिए साधु-संत संगम रवाना: अखाड़ा परिषद बोली- बड़ा जुलूस नहीं निकालेंगे
प्रयागराज। महाकुंभ का 17वां दिन है। मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान जारी है। साधु-संत रथों और गाड़ियों में सवार होकर अमृत स्नान के लिए संगम रवाना हो रहे हैं। रास्ते में RAF और पुलिस के जवान तैनात हैं। इससे पहले तड़के अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान के लिए निकले थे। इस बीच, भगदड़ के बाद संगम पर हालात बेकाबू हो गए। प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों से अपील की- स्नान के लिए न जाएं। इसके बाद अखाड़े के साधु-संत शिविर में लौट आए। साधु-संतों ने बैठक की। पहले तय हुआ कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे। अब स्थिति सामान्य है तो सीएम ने अखाड़ों से बात की। संत अमृत स्नान के लिए राजी हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया, 'हम अपने देवता के साथ सांकेतिक अमृत स्नान करेंगे। कोई बड़ा जुलूस नहीं निकालेंगे।' महाकुंभ मेले और प्रयागराज शहर में इस समय करीब 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद हैं। वहीं, 28 जनवरी तक 19.94 करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। प्रशासन की कोशिश है कि आसपास के घाटों पर स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं को वापस किया जाए।
उदासीन अखाड़े के संत संगम पहुंच चुके हैं। वे थोड़ी देर में अमृत स्नान करेंगे।
साक्षी महाराज अपने महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के साथ अमृत स्नान के लिए निकले।
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु-संत संगम स्नान के लिए रवाना हो गए हैं। वे बेहद सादगी के साथ स्नान के लिए जा रहे हैं। भाजपा सांसद साक्षी महाराज भी अखाड़े में शामिल हैं।
अमृत स्नान के लिए संगम रूट क्लियर कर दिया गया है। अखाड़े के संत, आचार्य, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर अमृत स्नान के लिए तैयार हैं। अखाड़े अभी बाहर नहीं आ सके है।
मौनी अमावस्या पर श्री बाराहमासी महात्यागी नृसिंह धाम, जयपुर के साधु-संत गाड़ियों में सवार होकर संगम में अमृत स्नान करने जा रहे हैं। हालांकि अभी अखाड़े नहीं निकले हैं। पुलिस के अधिकारी जवानों के साथ मार्च कर रहे हैं।
पुलिस जवानों ने संगम के कई घाटों को खाली करा दिया है। पांटून पुल नंबर 3 से 8 तक खाली हैं। इन पुलों से चलकर अखाड़े के साधु-संत संगम नोज तक आएंगे और स्नान करके वापस जाएंगे।
संगम नोज की तरफ जाने वाला एक रास्ता पूरी तरह खाली करा लिया गया है। पूरे रास्ते में RAF और पुलिस के जवान तैनात हैं। कुछ देर में इस रास्ते से अखाड़े के साधु संत स्नान करने संगम नोज पर जाएंगे।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, यह सनातन का अमृत काल है। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान यहां आने वाले सभी लोगों को मौन रहना चाहिए और ध्यान, प्रार्थना और भजन में लीन होना चाहिए। उन्हें अपने हृदय में कृतज्ञता रखनी चाहिए। जब इस तरह की भीड़ होती है, तो यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। अगर हर कोई सावधान रहेगा, तो सब कुछ सुचारू रूप से चलता रहेगा। यहां आने वाले सभी भक्तों को धैर्य रखने की जरूरत है। धर्म की पहली विशेषता धैर्य है। भले ही हर कोई संगम जाना चाहता हो, लेकिन यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है, इसलिए आप जहां भी हों, अपने नजदीकी घाट पर जा सकते हैं, क्योंकि संगम से पानी का प्रवाह प्रयागराज के हर घाट तक जरूर पहुंचेगा।
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने अखाड़ों के अमृत स्नान की तैयारी शुरू करवा दी है। पुलिस और CRPF के जवान अखाड़ों के रास्ते से भीड़ हटा रहे। अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए पुलिस और CRPF के जवानों ने रास्ता खाली कराया है। श्रद्धालुओं से हटने की अपील की जा रही है। माइक से अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि जल्द से जल्द संगम नोज के रास्तों को खाली कराया गया।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि आज अमावस्या है, इसलिए जहां भी हैं, वहीं स्नान कर लें। बराबर पुण्य मिलेगा। हम किसी से नाराज नहीं हैं। भगदड़ मचने को लेकर हमें दुख है। इतनी बड़ी घटना नहीं थी, जितना बड़ा बना दिया गया। इसलिए हमने अमृत स्नान नहीं करने का फैसला लिया था। अब स्थिति सामान्य है। इसलिए अमृत स्नान करेंगे। अफवाहों को न मानें।
मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में 'अमृत स्नान' के लिए महाकुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।
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