9 महीने बाद पृथ्वी पर लौटीं नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनकी टीम

9 महीने बाद पृथ्वी पर लौटीं नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनकी टीम
 NASA की Crew-9 टीम, जिसमें सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर शामिल थे, 9 महीने के अंतरिक्ष प्रवास के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आई। NASA ने बताया कि अंतरिक्ष से लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे चक्कर आना और कमजोरी। NASA के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विलमोर (Butch Wilmore) जो पिछले 9 महीनों से अंतरिक्ष में "फंसे" हुए थे, आखिरकार स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए धरती पर वापस आ गए हैं। उनकी लंबी अंतरिक्ष यात्रा ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा और लोगों को उनकी सेहत को लेकर चिंता होने लगी थी। अब, Crew-9 टीम सुरक्षित लौट आई है और NASA ने बुधवार को उनकी पहली झलक साझा की।
बुधवार सुबह, जब अंतरिक्ष यान "फ्रीडम" (Freedom) फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में उतरा, तो एक विशाल रिकवरी जहाज ने उसे उठाया। इसके बाद, एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसक्राफ्ट से बाहर निकाला गया और धीरे-धीरे चलने में सहायता दी गई। जब वे बाहर आए, तो सुनीता विलियम्स ने मुस्कान के साथ हाथ हिलाकर खुशी जताई। नासा ने लाइव स्ट्रीम के जरिए Crew-9 की धरती पर वापसी का वीडियो जारी किया है।
NASA ने बताया कि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। NASA अधिकारी स्टीव स्टिच ने कहा कि जब कोई एस्ट्रोनॉट माइक्रोग्रैविटी (शून्य गुरुत्वाकर्षण) से धरती के गुरुत्वाकर्षण में वापस आता है, तो शरीर के अंग खासकर "इंटरनल ईयर" और "वेस्टिब्युलर सिस्टम" गड़बड़ा जाते हैं। इससे चक्कर आना, संतुलन बिगड़ना और खड़े होने में परेशानी होना जैसी समस्याएं होती हैं। स्टिच ने बताया कि जब एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में होते हैं, तो उनके मसल्स (मांसपेशियां) और हार्ट (हृदय) ज्यादा मेहनत नहीं करते, इसलिए वापस आने के बाद उन्हें फिर से ताकत जुटानी पड़ती है। इसे "वेस्कुलर और कार्डियो रीकंडीशनिंग" कहा जाता है।


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