शासकीय महाविद्यालय कुरई में वंदे मातरम् राष्ट्रीय जागरण का अमर गान के संबंध में कार्यक्रम का आयोजन
केएमबी नीरज डहरिया
सिवनी। शासकीय महाविद्यालय कुरई में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 7 नवंबर 2025 को देशभक्ति से ओत प्रोत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में समस्त स्टाफ और विद्यार्थियों ने राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन किया। इस अवसर पर समस्त देशवासियों को राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की गई। इस अवसर पर प्रो पवन सोनिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र गीत वंदे मातरम् की रचना बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने की। यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीयों में एकता ,साहस और आजादी की लहर जगाने वाला प्रमुख गीत बन गया। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज कुमार गहरवार ने बताया कि वंदे मातरम् गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास आनंद मठ में प्रकाशित हुआ था। वंदे मातरम् का अर्थ है मां मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं। यह गीत स्वतंत्रता की लड़ाई में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया था।यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि मां भारती के प्रति समर्पण, साहस और एकता का प्रतीक है।जिस स्वर ने आज़ादी के आंदोलन में लाखों दिलों को जोड़ा, वह आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है।भारत की संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को राष्ट्र गीत के रूप में अपनाया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे लगाए। इस अवसर पर कॉलेज में वंदे मातरम् का महत्व एवं योगदान पर निबंध और नारा लेखन प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। आयोजन के दौरान डॉ नितिंका रघुवंशी,प्रो जेपी मरावी,डॉ तीजेश्वरी पारधी, अलका नागले इत्यादि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में रासेयो स्वयंसेवकों माही श्रीवास,आशीष अडंबे,ओजस्वी बरमैया,माही धुर्वे इत्यादि का योगदान रहा।
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